Kisan Andolan: एक बार फिर से किसान आंदोलन अपने चरम पर है. हालांकि ये आंदोलन 2020-21 में हुए आंदोलन के समान ही है लेकिन इसका रूप पिछली बार हुए किसान आंदोलन से ज्यादा व्यापक हो सकता है. इस बार किसान फिर से दिल्ली पर हमला बोलने वाले है. पिछली बार की तरह इस बार भी अलग-अलग राज्यों से किसान इस आंदोलन में भाग लेने के लिए आने वाले है.खास बात तो ये है की इस बार किसान अपने ट्रैक्टर ट्राली के साथ-साथ राशन भी लेकर आने वाले है.
आखिर क्यों हो रहा है बार-बार किसान आंदोलन?
सोचने वाली बात है की आखिर बार-बार देश में किसान आंदोलन क्यों हो रहा है. आखिर क्या है किसानों की मांग? आखिर क्यों किसानों की मांग पूरी नहीं की जा रही है? क्यों सभी किसान सरकार से नाखुश है? तो चलिए एक एक कर सबके जवाब जानते है.
इन मांगों के लिए लड़ रहे है किसान
- MSP यानि की न्यूनतम समर्थन मूल्य, किसानों की यह मांग है की MSP के लिए एक कानून बनाया जाये।
- WTO से भारत को अलग किया जाये।
- कृषि वस्तुओं, दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस जैसी वस्तुओं पर से आयात शुल्क कम किया जाये और भत्ता बढ़ाया जाये।
- कीटनाशक, बीज और उर्वरक के अधिनियम में संशोधन कर फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार किया जाये।
- लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाया जाये।
- कृषि ऋण को माफ़ किया जाये।
- स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाये।
- किसानों और 58 साल से अधिक आयु के कृषि मजदूरों को 10 हज़ार रूपए प्रतिमाह पेंशन दी जाये।
इसके अलावा बीमा प्रीमियम का भुगतान खुद से करना, सभी फसलों को योजना के अंतर्गत रखना, भूमि अधिग्रहण अधिनियम में बदलाव इत्यादि।
किसान आंदोलन के लिए इन बॉर्डरों पर सुरक्षा कड़ी
किसान दिल्ली को घरने की कोशिश में है जिसे रोकने के लिए हरियाणा और पंजाब से लगने वाले बॉर्डर पर सुरक्षा के लिए कटीले तार लगा दिए गए है. दिल्ली पुलिस ने सिंधु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर भी कड़ी सुरक्षा के इंतजाम कर दिए है. जगह-जगह पर CCTV और लाउडस्पीकर भी लगा दिए गए है.