Kisan Andolan:केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच हुई चौथे दौर की बैठक में केंद्र सरकार ने किसानों को 4 फसलों कपास,मक्का,उड़द और अरहर पर MSP देने का प्रस्ताव दिया है.केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने बताया कि ये 5 साल का कॉन्ट्रैक्ट नैफेड और NCCF से होगा।
देर शाम तक चली मीटिंग
देर शाम चली इस चौथे दौर की मीटिंग में 3 केंद्रीय मंत्री,कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा,रेलवे तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पियूष गोयल और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय मौजूद रहे.इसके आलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर शामिल रहे।
21 फरवरी तक स्टैंडबाय पर दिल्ली कूच
सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसानों से मीटिंग और विमर्श के बाद वो 20 फरवरी को फैसला सुनाएंगे। 21 फरवरी की सुबह 11 बजे तक दिल्ली कूच को स्टैंडबाय पर रखा गया है.
साल 2021-22 में किसानों के विरोध के बाद तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया था और उनसे कुछ वायदे किये गए थे.स्वामीनाथन रिपोर्ट और उन्ही वायदों को ध्यान में रखते हुए किसान अपनी कुछ मांगों के साथ ये दूसरा आंदोलन कर रहे हैं,जिसे किसान आंदोलन 2.0 भी कहा जा रहा है.
मुख्य मांगों में MSP शामिल
इस आंदोलन में किसानों की मुख्य मांग MSP की गारंटी देना और उसे और भी प्रभावी करना है.इन सब के अलावा भी किसानों की अन्य कुछ मांगें हैं.स्वामीनाथन रिपोर्ट के मुताबिक फसलों की कीमत तय हो,लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सज़ा दी जाए,मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए,किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी दी जाए,आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाये।भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाये,मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाये,किसानों का कर्ज माफ़ किया जाये,विद्युत् संसोधन विधेयक 2020 रद्द किया जाये और नकली बीज और खाद भेजने वाली कंपनियों पर कड़ी कार्यवाई की जाये।