MP: पुष्पा स्टाइल में हो रही खैर के पेड़ की तस्करी, पकड़े गए आरोपी

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Gwalior News: वनकर्मी प्रमोद कुशवाह गश्त करते हुए देव खो मंदिर के पास पहुंचा था, उसने पेड़ काटने का विरोध करते हुए अवैध कटाई बंद करने के लिए कहा. इस पर आरोपियों ने उसे दौड़ा-दौड़ाकर मारना शुरू कर दिया.

Gwalior News in Hindi: आपने पुष्पा मूवी में चन्दन तस्करी करते हुए देखा ही होगा, जिसमें फ़िल्म का मुख्य किरदार चंदन की तस्करी करते हैं. उसे छिपाकर नदी के पानी मे रखते हैं. ग्वालियर अंचल में इसी फ़िल्म की तर्ज पर खैर की लकड़ी की तस्करी की जा रही हैं. खैर जो कि कत्था बनाने में काम आता हैं। पान मसाला बनाने में के काम आता है. साथ ही इस लकड़ी से औषधियां बनाने में भी इसका उपयोग होता हैं. यह पेड़ यहां जंगल में बहुतायत में पाए जाते हैं. ग्वालियर जिला वन मंडल में तस्कर कत्था बनाने में काम आने वाली खैर की लकड़ी की तस्करी की जा रही हैं.

कैसे पकड़ में आया नेटवर्क?

कुछ दिन पहले आधी रात वन विभाग की टीम ने खैर की लकड़ी से भरे दो ट्रक पकड़े थे, जो राजस्थान के अलवर से आये थे. तस्कर ट्रक में पूरी लकड़ी नहीं भर पाए थे. बताया गया कि देव खो जंगल में गश्त पर निकले वनकर्मी प्रमोद कुशवाह को माफिया द्वारा दौड़ा-दौड़ाकर पीटने का मामला सामने आया है. वनकर्मी प्रमोद कुशवाह गश्त करते हुए देव खो मंदिर के पास पहुंचा था, प्रमोद ने पेड़ काटने का विरोध करते हुए तत्काल अवैध कटाई बंद करने के लिए कहा. इस पर आरोपियों ने उसे दौड़ा-दौड़ाकर मारना-पीटना शुरू कर दिया. हालात बिगड़ते देख प्रमोद अपनी जान बचाकर वहां से भाग निकला और सीधे फॉरेस्ट ऑफिस जा पहुंचा, जहां उसने अधिकारियों को पूरी जानकारी दी. जिसके बाद थाना तिघरा पुलिस को इस मामले की शिकायत की गई. पुलिस ने वनकर्मी प्रमोद की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर एक आरोपी को तत्काल गिरफ्तार कर लिया था.

खैर की लकड़ियों को सांक नदी के पानी में फेंक दिया

जांच में पता चला कि ट्रकों के पकड़े जाने के बाद तस्करों ने जखौदी (घाटीगांव) में बची खैर की लकड़ियों को सांक नदी के पानी में फेंक दिया. इसके बाद वन विभाग की टीम ने पानी में उतरकर सर्चिंग की. वन विभाग की टीम अब तक नदी से करीब 35 क्विंटल लकड़ी जब्त कर चुकी है. अब सभी नदी और तलाबों में इसकी तलाश चल रही है.

आरोपियों की हुई पहचान

वन टीम ने अलवर निवासी हामिद, अजहरुद्दीन, साउन खान को पकड़ा है, जबकि रामनिवास गुर्जर अभी फरार है. पता चला है कि तस्करों ने जखौदी को खैर की लकड़ी एकत्रित करने का सेंटर बनाया था. आसपास के जंगलों से लकड़ी काटकर यहां छिपाया जाता है. फिर मौका मिलते ही इसे राजस्थान और अन्य राज्यों में भेजा जाता है।

वन विभाग ने क्या कहा?

इस मामले में मुख्य वन संरक्षक एपीएस सेंगर ने कहा कि यह वन टीम के लिए एक बड़ी क़ामयाबी है. टीम ने खैर की तस्करी करने वाले एक अंतर्राजीय गैंग को पकड़ा है. अब इसकी सारी कड़ियां जोड़कर इसके पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जाएगा.

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