KBC 17 Ishit Bhatt: सोशल मीडिया की आदलत के जजों ने सुनाया इशीत भट्ट पर फैसला!!!

KBC 17 Ishit Bhatt

KBC 17 Ishit Bhatt: टीवी की चमकदार रोशनी के बीच एक मासूम चेहरा, कैमरे के सामने आत्मविश्वास से भरा बच्चा और देखते ही देखते वह बच्चा सोशल मीडिया की आंधी में फंस गया। जी हां, KBC 17 के मंच पर आए छोटे प्रतिभागी इशीत भट्ट के साथ कुछ ऐसा ही हो रहा है। जहां इंटरनेट की अदालत में उसे बदतमीज, घमंडी और बिना संस्कार वाला करार दिया जा रहा है। सोशल मीडिया पर ट्रॉल्स की भीड़ टूट पड़ी है और बच्चे को भला बुरा कह रहे हैं। जैसे उस बच्चे ने कोई बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। हालांकि यह भी सच है कि बच्चे में मासूमियत नहीं थी, परंतु इस एपिसोड को संस्कार बना आधुनिकता की बहस में बदल दिया गया है।

KBC 17 Ishit Bhatt
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सोशल मीडिया पर इस प्रकार की ट्रोलिंग आजकल काफी आम हो चुकी है। बड़ा हो या बच्चा हर किसी को छोटी मोटी ग़लती के लिए ट्रोल किया जाता है। समाज ने हर एक व्यक्ति के लिए एक मानसिकता का आईना तैयार कर रखा है जो हर क्लिप पर एक फैसला सुना देता है। हालांकि लोगों को यह भी सोचना चाहिए की यह एपिसोड लाइव नहीं होता बल्कि पहले से रिकॉर्ड किया होता है और एडिट किया होता है। कई बार तो यह घटनाएं स्क्रिप्टेड होती है। ऐसे में दर्शकों के लिए जरूरी है कि वह सोशल मीडिया की अदालत के जज बनने से पहले बात की गहराई को समझें और यह जानें कि इस घटना की वजह से उस बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

इस तरह की ट्रोलिंग कितनी गलत होती है

बता दे ट्रोल करना असल में मानसिक स्थिति को प्रभावित करता है। इस पूरे एपिसोड से पता चलता है कि बच्चा ओवर कॉन्फिडेंट था। हालांकि ऐसी बड़ी शख्सियत के सामने बैठकर जरूरी नहीं की हर कोई शांत रह पाए। कई लोग बहुत ज्यादा घबरा जाते हैं तो कई बहुत ज्यादा बोलने लगते हैं। ऐसे में इस बच्चे को उसकी हरकत की वजह से घमंडी बोल देना सही नहीं। इसके अलावा ट्रोल करने वाले भूल जाते हैं कि वह खुद एक इंसान है। एक बच्चा जो अभी विकसित हो रहा है उसे पता नहीं की क्या सही है क्या गलत? उसकी इस घटना को किस प्रकार टेलीकास्ट किया जाएगा? ऐसे में उसे इस मामले में घेर लेना इंसानियत को चोट पहुंचाना है।

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सोशल मीडिया पर होने वाली ट्रोलिंग का बच्चे पर क्या असर हो सकता है

  • लगातार नकारात्मक टिप्पणी सुनने के बाद हो सकता है कि बच्चा आत्मसम्मान में गिरावट महसूस करें।
  • बच्चा स्कूल जाने वाला है उसे हमउम्र बच्चो के साथ अब उठना बैठना भी पड़ता होगा ऐसे में सोशल मीडिया के ठेकेदारों का डर हर जगह उसका पीछा करेगा।
  • इसके अलावा कई बार इसका मानसिक प्रभाव भी हो सकता है अर्थात हो सकता है बच्चा बात करने से डरने लगे ।
  • इसके अलावा बच्चों के मां-बाप को भी बुरी तरह से ट्रोल किया जा रहा है और बच्चे के पालन पोषण पर सवाल उठ जा रहा है जो की बेहद गलत है।

कुल मिलाकर आए दिन सोशल मीडिया पर होने वाली ट्रोलिंग दिन-ब-दिन विकराल रूप लेती जा रही है। हर एक व्यक्ति कंटेंट बनता जा रहा है जिसकी वजह से मानसिक स्थिति खराब होती जा रही है ऐसे में जरूरी है कि हम सब सोच समझ कर कदम उठाए।

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