Kathua: कठुआ में सैन्य वाहनों पर हुए आतंकी हमले की जांच में एनआईए जम्मू-कश्मीर पुलिस की मदद करेगी. एनआईए ने कठुआ में एक विशेष टीम भेजी है। इस बीच, आतंकियों की तलाश में सुरक्षाबलों का अभियान दूसरे दिन भी जारी रहा. सुरक्षाबल कठुआ के पहाड़ी इलाकों से लेकर उधमपुर के बसंतगढ़ तक जंगलों और पहाड़ों की खाक छान रहे हैं. सेना, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस, एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) और पैरा कमांडो भी तलाशी अभियान में शामिल हैं। हेलीकॉप्टर और ड्रोन की भी मदद ली जा रही है, हालांकि देर शाम तक आतंकियों का कोई सुराग नहीं लगा था.
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पुलिस महानिदेशक और एडीजीपी ने लिया घटनास्थल का जायजा
वहीं, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन और एडीजीपी आनंद जैन के घटनास्थल का जायजा लिया. इस बीच, आतंकी हमले में बलिदान हुए जेसीओ समेत पांचों सैनिकों के पार्थिव शरीर को हेलीकाप्टर से पठानकोट भेजा गया। हमले में घायल पांच जवानों को भी पठानकोट के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
कठुआ (Kathua) के बिलावर तहसील के बदनोटा में सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड ने हमला किया। इसके बाद आतंकी भाग गए। यह इलाका उधमपुर के बसंतगढ़ से सटा हुआ है, जहां पिछले कुछ समय से आतंकी गतिविधियां बढ़ रही हैं। इसलिए सेना और अन्य सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके में अभियान तेज कर दिया है।
इस बीच, पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन, एडीजीपी आनंद जैन और एडीजीपी (कानून व्यवस्था) विजय कुमार ने पुलिस और सेना के अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए। हालांकि, अंधेरा होने के कारण तलाशी अभियान अगले दिन के लिए टाल दिया गया।
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सैन्य वाहनों के आगे आ गया था तेज रफ्तार टिप्पर
सूत्रों के अनुसार हमले से पहले जब सेना के वाहन बदनोटा के जेंदा नाला इलाके की ओर जा रहे थे, तो अचानक सामने से एक तेज रफ्तार टिप्पर आ गया। इससे सेना के वाहनों की गति धीमी हो गई और फिर आतंकियों ने घात लगाकर हमला कर दिया।
यह टिप्पर सेना के वाहनों के सामने कैसे और क्यों आया? आतंकियों की फायरिंग में टिप्पर को कोई गोली क्यों नहीं लगी? हमले के बाद ड्राइवर टिप्पर लेकर कहां गया? इन सभी सवालों से यह संदेह पैदा हो रहा है कि हमले की साजिश में कुछ स्थानीय लोग भी शामिल हो सकते हैं।