Captain Shubham Gupta died: कश्मीर के राजौरी 5 जवानों की शहादत से पुरे देश की आंखे नम है. सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है. जो शायद अपने अब तक देख ली भी लिया हो . शहीद की माँ अपने जवान बेटे की शहादत में रोती बिलखती दिखाई देती हैं. और उनके चरों तरफ चाँद पैसों का लिफाफा लिए के पॉलिटिशियन अपनी राजनितिक रोटी सकते दिखाई दे रहे हैं. उनके इस कार्य की निंदा पुरे देश में हो रही है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू कश्मीर में हुए दो आतंकी हमलों के पीछे की साजिश का पता लगा लिया है. ये हमले इसी साल जनवरी और अप्रैल के महीने में हुए थे. इसमें से एक हमला राजौरी के ढांगरी गांव में हुआ था. जिसमें सात आम नागरिक मारे गए थे. दूसरा पुंछ जिलें में सेना की टुकड़ी में हुआ था. इसमें 5 जवान शहीद हो गए थे. NIA के मुताबिक इस घटना के तार पाकिस्तान से जुड़े थे. और लश्कर-ए-तैयबा के कमांड पर इन्हे अंजाम दिया था.
मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक के राजौरी हमले का केस स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था. जांच के दौरान NIA ने पाया की हमला 2 आतंकियों ने किया था, जिनकी जम्मू कश्मीर के ही कुछ लोगों ने मदद की थी. ये आतंकी जनवरी 2023 में हमले को अंजाम देने के बाद अंडरग्राउंड हो गए थे. फिर अप्रैल में बहार निकले।
भारत में इनका साथ कौन दे रहा था?
जांच एजेन्सी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सितंबर 2023 में NIA ने राजौरी हमले में आतंकियों की मदद करने के आरोप में पुंछ जिले से दो लोगों को निसार अहमद और मुश्ताक हुसैन- को अरेस्ट किया था. इन दोनों से पूछताछ में एनआईए को पता चला कि निसार लश्कर-ए-तैयबा के एक हैंडलर अबू कताल उर्फ कताल सिंधी के लगातार टच में था. निसार को एक बार पहले भी अरेस्ट किया गया था. तब उसे जम्मू-कश्मीर के पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत 2 साल जेल में रखा गया था. साल 2014 में उसे जेल से रिहा कर दिया गया था. इसके बाद निसार जम्मू कश्मीर पुलिस को लम्बे समय तक इन्फॉर्मर भी रहा था. हालांकि, फिर वो आतंकियों का मददगार बन गया था.
निसार ने NIA से पूछताछ में बताया कि जनवरी 2023 में राजौरी हमले के बाद पाकिस्तान में बैठे अबू कतल ने दोनों आतंकियों को रहने का ठिकाना मुहैया करने के लिए कहा था. इसके लिए उसने मुस्ताक हुसैन को 75,000 रूपए दिए थे. उसे एक गुफा में दोनों आतंकियों के लिए ठिकाना बनाने के लिए कहा था. निसार के अनुसार वह दोनों आतंकियों को घर का खाना उपलब्ध कराता था. करीब तीन महीने तक ये सब चलता रहा. इसके बाद अप्रैल 2023 में पुंछ जिले में सेना के जवानों पर हमले से 2 दिन पहले, आतंकियों ने उससे 22 रोटियां मांगी और अचानक से ठिकाना छोड़कर चले गए.
NIA ने क्या बताया?
एक ऑफिसर के मुताबिक अचानक अपना ठिकाना छोड़ने के दो दिन बाद, दोनों आतंकियों ने पुंछ के भट्टा डूरियन इलाके में सेना के एक वाहन पर हमला किया। जिसमें राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के पांच जवान शहीद हो गए और एक घायल हो गए. अधिकारी ने यह भी दवा किया है कि सबूतों को इकठा करने के बाद. NIA ने यह पाया है कि दोनों घटनाओं में हमलावर एक थे और उन्होंने पाकिस्तान में बैठे लश्कर-ए-तैयबा के आकाओं सैफुल्ला उर्फ साजिद जट, अबू कताल उर्फ कताल सिंधी और मोहम्मद कासिम के आदेश पर जम्मू-कश्मीर में हमलों को अंजाम दिया था.