Kartik Mas 2025: भगवान विष्णु और शिव की आराधना का दिव्य समय

Kartik Mas 2025

Kartik Mas 2025: सनातन धर्म में प्रत्येक मास का अपना विशिष्ट महत्व होता है। शास्त्रों में कार्तिक मास का भी विशेष महत्व वर्णित किया गया है। कार्तिक मास मुख्यतः अक्टूबर-नवंबर के बीच में आता है। यह महीना कई दिव्य पर्वों से सुसज्जित होता है। कार्तिक मास में ही दिवाली, गोवर्धन पूजा, देवउठनी एकादशी, कार्तिक पूर्णिमा, गंगा स्नान जैसे पर्व आते हैं। शास्त्रों में कार्तिक मास को स्नान, दान, जप, व्रत और तप के लिए सबसे लाभकारी बताया गया है। यह महीना देवों को अति प्रिय होता है खासकर विष्णु और लक्ष्मी मां को इस महीने में प्रसन्न करना बहुत आसान हो जाता है।

Kartik Mas 2025
Kartik Mas 2025

कार्तिक मास वह महीना है जब विष्णु भगवान अपनी योग निद्रा से जागते हैं। यह समय साधना और आध्यात्मिकता के लिए सबसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है और आज के इस लेख में हम आपको इसी से जुड़ा संपूर्ण विवरण देंगे जहां हम बताएंगे कि कैसे कार्तिक माह में छोटे-छोटे पुण्य कार्य अनेक जन्मों तक शुभ फल देते हैं और कौन से काम कर नकारात्मकता से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।

क्यों है कार्तिक मास का महत्व पूर्ण?

  • कार्तिक मास में भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जागते हैं और सृष्टि पालन हेतु सक्रिय हो जाते हैं।
  • इस महीने में तुलसी विवाह पर्व आता है जो सुख शांति और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
  • कार्तिक मास में गंगा स्नान का अद्वितीय महत्व होता है जो मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है।
  • इस महीने में ही देव दिवाली आती है जो अंधकार को दूर कर प्रकाश की ओर प्रशस्त करती है।
  • कार्तिक मास में केवल विष्णु नहीं बल्कि भगवान शिव की उपासना भी फलदाई होती है।

कार्तिक मास में करें यह उपाय

सूर्य उपासना: कार्तिक मास में सूर्य तुला राशि से वृश्चिक राशि में प्रवेश करता है ऐसे में इस दौरान सूर्य उपासना, सूर्य अर्घ्य करना काफी लाभकारी माना जाता है जिससे आत्म बल बढ़ता है।

चंद्र उपासना: कार्तिक मास का चंद्रमा शुभ और पुण्य ऊर्जा देने वाला माना जाता है। ऐसे में इस दौरान रोजाना चंद्र दर्शन करने से मानसिक तनाव और शारीरिक कष्ट दूर होते हैं। चंद्रमा से जुड़े दान करना भी लाभकारी माना जाता है।

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ग्रह दोष शांति: कार्तिक मास में भगवान विष्णु और शिव जी की संयुक्त पूजा करने से ग्रह शांति होती है यह माह शनि, राहु और केतु से पीढ़ीत जातकों को दीपदान कर मुक्ति की राह भी दिखता है।

तुलसी पूजा: कार्तिक मास में तुलसी पूजा का अत्यधिक महत्व होता है। इस महीने में रोजाना तुलसी पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जाता है । वहीं वे जातक जिन्हें लंबे समय से विवाह सुख और संतान सुख नहीं मिल रहा है वे यदि तुलसी मां की पूजा करते हैं तो उनकी ग्रह स्थिति मजबूत होती है।

कार्तिक मास में करें यह दान

कार्तिक मास में ग्रह शांति हेतु किए गए दान जल्दी से जल्दी फल देते हैं। इस दौरान तेल और काले तिल का दान शनिदेव को प्रसन्न करता है। चंद्रमा से जुड़े सफेद वस्त्र और चावल का दान चंद्रमा को मजबूत करता है। वही पीली वस्तु में हल्दी पीला कपड़ा दान करने से बृहस्पति भी शुभ फल देते हैं।

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