26th anniversary of Kargil Vijay Diwas: कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ के अवसर पर लद्दाख के द्रास में आयोजित एक भावपूर्ण समारोह में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Union Defence Minister Rajnath Singh) और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर दोनों मंत्रियों ने शहीदों की स्मृति में आयोजित एक विशाल पदयात्रा में हिस्सा लिया, जिसमें सैन्य अधिकारियों, पूर्व सैनिकों, स्थानीय निवासियों और युवाओं की भारी भीड़ ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
शहीद स्मारक पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि
द्रास के युद्ध स्मारक पर पहुंचे केंद्रीय मंत्रियों ने शहीदों को नमन करते हुए उनके बलिदान को देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए अमर बताया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “कारगिल युद्ध में हमारे सैनिकों ने असंभव परिस्थितियों में अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया।
टाइगर हिल और तोलोलिंग जैसे युद्धक्षेत्रों में उनकी जीत ने विश्व में भारत का गौरव बढ़ाया।” उन्होंने शहीदों के परिवारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा, “कारगिल के शहीदों की वीरगाथाएं हमारी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। हमें अपने सैनिकों की कुर्बानी को कभी नहीं भूलना चाहिए।” उन्होंने इस अवसर पर देशवासियों से सैन्य बलों के प्रति सम्मान और समर्थन व्यक्त करने का आह्वान किया।
पदयात्रा में दिखा देशभक्ति का जोश
शहीद स्मारक से शुरू हुई पदयात्रा द्रास के बर्फीले रास्तों से होती हुई कारगिल युद्ध के महत्वपूर्ण स्थलों तक पहुंची। इस दौरान हजारों की संख्या में स्थानीय लोग, स्कूली बच्चे, और सैन्य टुकड़ियां शामिल हुईं। प्रतिभागियों ने “भारत माता की जय” और “कारगिल विजय अमर रहे” जैसे नारों के साथ शहीदों की वीरता को याद किया। पदयात्रा में शामिल युवाओं ने शहीदों की कहानियों को गर्व के साथ साझा किया और देश सेवा के लिए प्रेरित होने की बात कही। कारगिल विजय की गौरव गाथा
1999 में लड़ा गया कारगिल युद्ध भारतीय सेना के शौर्य और सामरिक कुशलता का प्रतीक है।
क्यों मनाया जाता है कारगिल दिवस
ऑपरेशन विजय के तहत भारतीय सैनिकों ने दुर्गम पहाड़ियों और प्रतिकूल मौसम में दुश्मन के कब्जे से सामरिक रूप से महत्वपूर्ण चोटियों को मुक्त कराया था। इस युद्ध में 527 सैनिक शहीद हुए थे, जिनकी याद में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। द्रास का युद्ध स्मारक उन वीरों की स्मृति का प्रतीक है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।।