26/11 Mumbai Attack : Tahawwur Rana के प्रत्यर्पण पर आया Kanhaiya Kumar का बयान, कहा- ‘यह BJP की सोची-समझी चाल’

26/11 Mumbai Attack : कांग्रेस नेता ने Kanhaiya Kumar गुरुवार को केंद्र सरकार और BJP पर तीखा हमला बोला। कन्हैया ने कहा कि 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य आरोपी Tahawwur Rana का अमेरिका से प्रत्यर्पण भाजपा की सोची-समझी चाल है। उन्होंने कहा कि राणा के प्रत्यर्पण का मकसद जनता का ध्यान अपनी ‘विफलताओं’ से हटाना है। आपको बता दें कि कांग्रेस नेता Kanhaiya Kumar ने केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah के उस दावे को भी खारिज कर दिया, जिसमें राणा के प्रत्यर्पण को नरेंद्र मोदी सरकार की ‘कूटनीतिक जीत’ बताया गया था।

बुनियादी समस्याओं से ध्यान भटकाने की कोशिश’

बता दें कि 64 वर्षीय तहव्वुर राणा डेविड कोलमैन हेडली का करीबी सहयोगी है। हेडली को दाऊद गिलानी के नाम से भी जाना जाता है और वह 2008 के हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। कन्हैया ने कहा, ‘भाजपा के पास दिखाने के लिए कोई ठोस उपलब्धि नहीं है। इसलिए वह ऐसे मुद्दे उठाकर लोगों का ध्यान बुनियादी समस्याओं से भटकाने की कोशिश करती है। वक्फ बिल भी इसका उदाहरण है। सरकार दावा करती है कि यह गरीब मुसलमानों के हित में है, लेकिन क्या कोई इस पर विश्वास करेगा? यह वही सरकार है जो मुस्लिम समुदाय को अपनी छतों पर नमाज़ पढ़ने की भी इजाज़त नहीं देती।

कन्हैया बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं। 26/11 Mumbai Attack

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया ने अनुच्छेद 370 का ज़िक्र करते हुए कहा, ‘भाजपा नेताओं के बयान सबको याद होंगे। वे कहते थे कि इसके हटने के बाद बिहार और देश के दूसरे हिस्सों के लोग कश्मीर में ज़मीन खरीद सकेंगे। मुझे एक भी व्यक्ति दिखा दें जिसने अब तक वहाँ संपत्ति खरीदी हो।’ 38 वर्षीय पूर्व वामपंथी नेता कन्हैया इन दिनों बिहार में ‘पलायन रोको, नौकरी दो पदयात्रा’ के ज़रिए बेरोज़गारी और पलायन जैसे मुद्दों पर लोगों की राय जुटा रहे हैं। अपने राज्यव्यापी दौरे में वे लगातार सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं।

तहव्वुर राणा की क्या भूमिका थी? 26/11 Mumbai Attack

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ”राणा का प्रत्यर्पण बर्बर हमलों में मारे गए छह अमेरिकियों और कई अन्य पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के नेतृत्व में एक बहु-एजेंसी टीम 64 वर्षीय राणा को लेकर गुरुवार शाम दिल्ली पहुंची, जिससे उसके प्रत्यर्पण को लेकर कई दिनों से चल रही अटकलों का अंत हो गया। मुंबई में 26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किए गए भीषण हमलों में अमेरिकी, ब्रिटिश और इजरायली नागरिकों सहित 166 लोग मारे गए थे।

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