Kanhaiya Kumar ने PM Modi को दी गाली, कहा आतंकी

Kanhaiya Kumar PM Modi Sanghi Video: कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) ने हाल ही में एक टीवी डिबेट में विवादास्पद बयान देकर सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। ABP न्यूज़ के “पॉलिटिकल कीड़ा” शो में कन्हैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “संघी” (Kanhaiya Kumar PM Modi Sanghi) कहकर संबोधित किया और कहा, “संघी एक गाली है” और “RSS के लोग आतंकवादी हैं।” इस बयान को कई लोगों ने पीएम मोदी को अप्रत्यक्ष रूप से आतंकवादी कहने के तौर पर देखा। इस टिप्पणी ने बीजेपी और कांग्रेस के बीच तीखी बहस छेड़ दी है, जिसमें बीजेपी ने इसे कांग्रेस की हिंदू विरोधी मानसिकता का सबूत बताया है। लेकिन इस बीच, यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या वाकई RSS आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है, और कांग्रेस का इस मामले में क्या रिकॉर्ड है?

वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप भंडारी ने X पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “कन्हैया कुमार ने न केवल पीएम मोदी को अपमानित किया, बल्कि RSS और करोड़ों राष्ट्रवादी भारतीयों को आतंकवादी कहकर उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई।”

कई लोगों ने कन्हैया के इस बयान को “टुकड़े-टुकड़े गैंग” की मानसिकता से जोड़ा, जो पहले भी JNU में उनके नेतृत्व के दौरान विवादों में रहा था।

RSS और आतंकी घटनाओं का सच


RSS पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप समय-समय पर लगते रहे हैं, लेकिन जांच और कोर्ट के फैसलों में संगठन को कभी दोषी नहीं ठहराया गया। मालेगांव बम विस्फोट (2008), समझौता एक्सप्रेस विस्फोट (2007), और अजमेर दरगाह विस्फोट (2007) जैसे मामलों में RSS से जुड़े कुछ लोगों पर संदेह हुआ। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और स्वामी असीमानंद जैसे व्यक्तियों का नाम इन मामलों में आया, जिनका RSS से पहले संबंध था। हालांकि, जांच में यह साबित नहीं हुआ कि RSS ने संगठन के तौर पर इन हमलों की साजिश रची। 2019 में समझौता एक्सप्रेस मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया, और मालेगांव मामले में भी RSS के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला। RSS ने हमेशा कहा कि वह हिंसा का समर्थन नहीं करता, और व्यक्तिगत स्तर पर किसी की गलती को पूरे संगठन से जोड़ना गलत है।

कांग्रेस नेताओं की आतंकी गतिविधियों में कथित संलिप्तता

वहीं, कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं पर आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के गंभीर आरोप लगे हैं। 1984 के सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस नेताओं जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार पर भीड़ को उकसाने और हत्याओं में शामिल होने का आरोप लगा। सज्जन कुमार को 2018 में उम्रकैद की सजा हुई। इन दंगों में हजारों सिख मारे गए, और इसे सुनियोजित हिंसा माना जाता है। इसके अलावा, माओवादी हिंसा के मामले में भी कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगे। छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी पर माओवादियों को समर्थन देने का आरोप था, हालांकि यह साबित नहीं हुआ। मानवाधिकार कार्यकर्ता बिनायक सेन, जिन्हें कांग्रेस समर्थक माना जाता था, को 2010 में माओवादियों से संबंध के लिए सजा हुई थी, लेकिन बाद में बरी कर दिया गया। केरल के कांग्रेस कार्यकर्ता अनवर मंजप्पडी को 2015 में ISIS से प्रेरित आतंकी साजिश में गिरफ्तार किया गया था।


कन्हैया कुमार का बयान कांग्रेस के लिए नई मुसीबत खड़ी कर सकता है, खासकर जब पार्टी पहले से ही आतंकी गतिविधियों में नेताओं की कथित संलिप्तता के आरोपों से जूझ रही है। दूसरी ओर, RSS को आतंकी घटनाओं में संगठन के तौर पर दोषी नहीं पाया गया है। यह विवाद आने वाले दिनों में और गहरा सकता है

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