Kangana Ranaut Javed Akhtar Court Case News In Hindi | प्रेजिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प की तरफ से एक बार फिर से टैरिफ एक्शन शुरू कर दिया गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा,मैक्सिको, और चीन से अवैध ड्रग्स को लेकर एक कड़ा रुख अपनाया है।
इसको लेकर ट्रम्प ने ऐलान किया की मार्च की चार तारीख से इन देशों पर नए टैक्स लागु किए जायेंगे। दरसल ट्रम्प अमेरिका से फेन्टेनाइल जैसे ड्रग्स की सप्लाई रोकना चाहते हैं जिसकी मनिफेक्टरिंग चीन करता है। इसी लिए ट्रम्प ने इन्ही सबको रोकने के लिए अपनी टैरिफ पॉलिसी का इस्तेमाल किया। और चीन को 10 फीसदी एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की फिर से धमकी दे डाली।
इसके अलावा जो ट्रम्प ने 4 फरवरी को 30 दिनों के लिए कनाडा मैक्सिको पर लगाए गए टैक्स को रोक दिया था उसे भी बहाल कर के टैरिफ लगाने का ऐलान उन्होंने किया है। एक जारी बयान में राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा की अभी भी मैक्सिको और कनाडा से बड़ी मात्रा में ड्रग्स हमारे देश में आ रहा है। साथ ही यहाँ बड़ी मात्रा में फान्टनाइल नाम का ड्रग्स चीन से भी सप्लाई हो रहा है।
Kiara Advani Pregnancy : कियारा-सिद्धार्थ ने सुनाई GOOD NEWS, अब पूरी हुई शादी से पहली की इच्छा…
इसका प्रभाव ये पड़ा की अकेले पिछले साल में 1 लाख से ज्यादा लोग इस ड्रग्स की वजह से मारे गए और कई अडिक्ट हो गए है। वही कई परिवार इसकी वजह से ही उजड़ चुके हैं। इसी के चलते अब हम इसे अमेरिका में जारी नहीं रख सकते। ऐसे में जब तक ये रुक नहीं जाता टैरिफ लगाया जायेगा और ये 4 मार्च से शुरू होगा।
ट्रम्प का ये कदम उनकी योजनाओ को मज़बूत करने का हिस्सा है जिसमें वो अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा को प्रायोरिटी देने का काम कर रहे हैं। इसी लिए टैरिफ की इसी धमकी के चलते अब कनाडा बैकफुट पर आता दिख रहा है। ट्रम्प ने इसके लिए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो से बातचीत भी की जिस बात चीत में कनाडा ने फेन्टेनाइल के खिलाफ सख्त कदम उठाने का वादा भी किया।
साथ ही इसके लिए कनाडा ने फेन्टेनाइल सप्लाई को रोकने के लिए ऑफिसर्स को नियुक्त करने का भी आश्वासन दिया। वहीँ ट्रम्प की इस धमकी से चीन पर व्यापारिक तनाव बढ़ सकता है। हालंकि इसको लेकर चीन ने बातचीत करके समाधान निकालने की बात कही है। क्योंकि सेंटर-राइट थिंक टैंक अमेरिकन एक्शन फ़ोरम के व्यापार नीति विश्लेषक जैकब जेन्सेन का कहना है की चीन पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ से उपभोक्ताओं को 25 अरब डॉलर तक का नुकसान हो सकता है. यही वजह है की चीन अब इस बात को लेकर बातचीत करके प्रॉब्लम की ख़त्म करने को तैयार है।