हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से वर्तमान विधायक कंगना रनौत एक फिर विवादों से घिर गई है। किसान आंदोलन पर हाल में दिए एक बयान पर उनकी पूरे में जम कर आलोचना हो रही है। हरियाणा चुनाव से ठीक पहले कंगना के बयान से भाजपा असहज महसूस कर रही है। इस बीच हिमाचल प्रदेश के मानसून सत्र में कंगना के बयान को लेकर जम कर हंगामा हुआ। बागवानी मंत्री ने तो कंगना के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग कर डाली।
दरअसल , मंगलवार को हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र का आगाज हुआ। इस दौरान विधायकों ने कंगना के खिलाफ जमकर नारे बाजी हुई। इस दौरान बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने सदन में कहा , ” कंगना के इस बयान से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है ऐसे में सत्र के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की जरूरत है। ऐसे में वह मांग करते है कि कंगना के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाये। “
आपको बता दे कि कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने भी सदन में कंगना के बयान पर विरोध जताते हुए कहा कि कंगना के बयान से किसान – बागवान आहत हुए है। इस दौरान सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर नोकझोंक हुई। कंगना के बयान पर संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने सदन में निंदा प्रस्ताव पेश किया तो विपक्षी विधायकों ने नारेबाजी की. इस दौरान हंगामा रुकने के बाद स्पीकर कुलदीप पठानिया ने कहा कि कंगना रनौत के बयान की सदन निंदा करता है. सदन में लगे कंगना रनोत मुर्दाबाद के नारे,
इससे पहले , भाजपा ने सदन से वॉक आउट कर दिया था। लेकिन बाद में सभी विधायक सदन में लौट आये थे।
विपक्ष हुआ हमलावर
किसान आंदोलन पर कंगना के बयान के बाद तमाम विपक्षी दलों से इस पार अपनी -अपनी प्रतिक्रिया दी है और अपनी नाराजगी जाहिर की। इस बीच LOP राहुल गाँधी ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए x पर लिखा
378 दिन चले मैराथन संघर्ष के दौरान 700 साथियों का बलिदान देने वाले किसानों को भाजपा सांसद द्वारा बलात्कारी और विदेशी ताकतों का नुमाइंदा कहना भाजपा की किसान विरोधी नीति और नीयत का एक और सबूत है। ये शर्मनाक किसान विरोधी बोल पश्चिमी उत्तरप्रदेश, हरियाणा और पंजाब समेत पूरे देश के किसानों का घोर अपमान है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने आगे कहा कि किसान आंदोलन वापस लेते समय बनी सरकारी समिति आज भी ठंडे बस्ते में है, MSP पर सरकार अपना रूख आज तक साफ नहीं कर सकी, शहीद किसानों के परिवारों को किसी तरह की राहत नहीं दी गयी और ऊपर से लगातार उनका चरित्र हनन जारी है। अन्नदाताओं का निरादर और उनके मान सम्मान पर हमला करने से किसानों से किया गया मोदी सरकार का धोखा छुप नहीं सकता। नरेंद्र मोदी और भाजपा कितनी भी साजिश कर लें – INDIA किसानों को MSP की कानूनी गारंटी दिलवा कर रहेगा।
टिकैत का बयान
किसान नेता राकेश टिकैत ने कंगना के बयान की आलोचना करते हुए कहा, ’13 माह चले किसान आंदोलन में400 किसान संगठन, लाखों किसानों की मौजूदगी के बावजूद हिंसा नहीं हुई. इस पूरे प्रदर्शन में 700 से अधिक किसान शहीद हुए लेकिन किसानों ने संयम नहीं खोया , बिल वापस हुए। उन्होंने आगे कहा कि कंगना का बयान शहीद किसानों और देश के किसानों का अपमान है।
क्या था कंगना का बयान
एक अखवार को दिए साक्षात्कार में कंगना ने कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे और वहां बालात्कार और हिंसा हो रही थी। इस साक्षात्कार में कंगना में यह भी कहा था कि अगर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता , तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता।