कल्याण बनर्जी बनाम महुआ मोइत्रा: TMC नेताओं के झगडे की वजह क्या है

Kalyan Banerjee vs Mahua Moitra Controversy Hindi: कल्याण बनर्जी (Kalyan Banerjee Resigns), तृणमूल कांग्रेस (TMC) के वरिष्ठ नेता और श्रीरामपुर से चार बार के सांसद, ने 4 अगस्त, 2025 को लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक (चीफ व्हिप) पद से इस्तीफा दे दिया, जिसने पार्टी के भीतर एक बड़े विवाद को जन्म दिया। यह इस्तीफा TMC सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) के साथ उनके तीखे सार्वजनिक टकराव और पार्टी नेतृत्व की ओर से समन्वय की कमी के लिए उन्हें दोषी ठहराए जाने के बाद आया।

Kalyan Banerjee vs Mahua Moitra Fight Reason: बनर्जी और मोइत्रा के बीच का यह झगड़ा, जिसमें “पिग”, “महिला विरोधी”, और “होम-ब्रेकर” जैसे शब्दों का इस्तेमाल हुआ, TMC के आंतरिक कलह को उजागर करता है। कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा, जो कृष्णानगर से सांसद हैं, के बीच तनाव पहले से ही सुलग रहा था। यह तब चरम पर पहुंचा जब मोइत्रा ने एक पॉडकास्ट में बनर्जी को “पिग” (सुअर) कहकर (Mahua Moitra Called Kalyan Banerjee A Pig )संबोधित किया। बनर्जी ने इस टिप्पणी को अपमानजनक और अमानवीय बताया, और X पर इसे “नागरिक संवाद के मानदंडों की उपेक्षा” करार दिया। जवाब में, बनर्जी ने मोइत्रा के निजी जीवन, खासकर उनकी वैवाहिक स्थिति, पर टिप्पणी की, जिसे मोइत्रा ने “महिला विरोधी” कहा। इस तरह, दोनों के बीच शब्दों का युद्ध शुरू हो गया, जो पार्टी की एकता के लिए खतरा बन गया।

कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा का झगड़ा क्यों हुआ

बनर्जी ने आरोप लगाया कि उन्हें TMC सांसदों के बीच समन्वय की कमी के लिए अनुचित रूप से दोषी ठहराया जा रहा है। उन्होंने दक्षिण कोलकाता, बैरकपुर, बांकुरा, और उत्तर कोलकाता के सांसदों की संसद में अनुपस्थिति का हवाला दिया, जिसे उन्होंने अपनी नाकामी नहीं, बल्कि पार्टी नेतृत्व की चुप्पी का परिणाम बताया।

4 अगस्त, 2025 को ममता बनर्जी ने एक वर्चुअल बैठक में लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को संसदीय कार्यों में समन्वय की कमी और सार्वजनिक झगड़ों के लिए फटकार लगाई। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह स्पष्ट था कि उनका इशारा बनर्जी-मोइत्रा विवाद की ओर था। ममता ने गुटबाजी को “अस्वीकार्य” बताया और एकजुटता पर जोर दिया।

बनर्जी ने ममता की टिप्पणियों को अपमानजनक माना और कहा कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है। उन्होंने इस्तीफा देते हुए कहा, “मुझे दोषी ठहराया जा रहा है, जबकि अनुशासनहीन सांसदों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।” बनर्जी ने यह भी संकेत दिया कि वह राजनीति छोड़ने पर विचार कर रहे हैं।

उसी दिन देर शाम, TMC के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कल्याण से संपर्क कर उनसे 7 अगस्त तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया। अभिषेक ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मुलाकात का वादा किया। साथ ही, ममता ने अभिषेक को लोकसभा में TMC का नया नेता नियुक्त किया, जो पहले सुदीप बंधोपाध्याय के पास था।

बनर्जी ने इस्तीफा दे दिया, लेकिन अभिषेक के अनुरोध पर वह 7 अगस्त तक मुख्य सचेतक बने रहेंगे। उन्होंने अपमान से आहत होने की बात कही और राजनीति छोड़ने की संभावना जताई।

ममता ने अभिषेक बनर्जी को लोकसभा में पार्टी का नेता बनाया और काकोली घोष दस्तीदार को सांसदों के दैनिक समन्वय की जिम्मेदारी दी।

इस विवाद ने TMC की आंतरिक कलह को उजागर किया। BJP ने इसका फायदा उठाते हुए X पर TMC की “आंतरिक सड़ांध” की आलोचना की।

मोइत्रा ने बनर्जी की टिप्पणियों को “महिला विरोधी” बताकर जवाब दिया, लेकिन सार्वजनिक रूप से ज्यादा टिप्पणी से बचीं। उनकी बेबाक छवि ने विवाद को और हवा दी

कल्याण बनर्जी का इस्तीफा और मोइत्रा के साथ उनका विवाद TMC के भीतर नेतृत्व और अनुशासन की चुनौतियों को दर्शाता है। अभिषेक बनर्जी की नियुक्ति और ममता की सख्ती से पार्टी इस कलह को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। हालांकि, यह विवाद TMC की एकता और संसदीय प्रभावशीलता के लिए एक चेतावनी है। 7 अगस्त को अभिषेक और कल्याण की मुलाकात के बाद स्थिति और स्पष्ट हो सकती है।

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