Kal Bhairav Ashtami 2025 Puja Aur Upay: हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है। काल भैरव जयंती काल भैरव के प्रकट होने का दिन है। काल भैरव भगवान शिव के रौद्र अवतार हैं। काल भैरव काल के देवता है उनके सामने सारे ग्रह, सभी देवता यहां तक की समय भी नतमस्तक हो जाता है। और यदि सही तरीके से उनकी पूजा की गई तो यह जातक से प्रसन्न होकर उसकी नकारात्मक ऊर्जा, शत्रु भय, मानसिक तनाव और आर्थिक संकट सदा के लिए समाप्त कर देते हैं।

भैरव अष्ठमी पर पूजा से दूर करें जीवन के संकट
जी हां भैरव बाबा की साधना शाम के बाद की जाती है। अष्टमी की तिथि को सूर्यास्त के बाद पूजा अर्चना करना महत्वपूर्ण माना जाता है। इसीलिए आज के इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे आसान उपाय बताएंगे जिन्हें अष्टमी की तिथि को शाम के बाद करने पर आप काल भैरव बाबा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
काल भैरव को प्रसन्न करने के आसान उपाय
आटे का चौमुखी सरसों के तेल वाला दिया: काल भैरव अष्टमी के दिन भैरव मंदिर या घर की उत्तर की दिशा में आटे से बना चार मुख दिया सरसों का तेल डालकर जलाएं। इस दीपक में थोड़े से काले तिल और थोड़ी सी उड़द दाल डालकर काल भैरवाय नमः मंत्र का जाप करें। इससे सारी बाधाएं दूर हो जाती है।
काले कुत्ते को भोजन: काल भैरव का वाहन काला कुत्ता है। इसीलिए काल भैरव अष्टमी के दिन सूर्यास्त के बाद काले कुत्ते को रोटी, दूध या मिठाई अवश्य खिलाए। ऐसा करने से अकस्मात दुर्घटनाओं और आर्थिक हानि से छुटकारा मिलता है।
और पढ़ें: मातृत्व की यात्रा से शुरू हुआ Mamaearth का मिलियन डॉलर ब्रांड
भैरव चालीसा का पाठ: काल भैरव अष्टमी के दिन शांत वातावरण में स्नान इत्यादि से निवृत होकर भैरव चालीसा का पाठ आवश्यक करें। इसके अलावा आप चाहे तो काल भैरव अष्टकम का आठ बार पाठ भी कर सकते हैं।
तिल और उड़द का दाल का दान: काल भैरव अष्टमी की शाम को तिल, उड़द, काले वस्त्र का दान सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। ऐसा करने से शनि की पीड़ा, कर्म दोष और ऋण योग शांत हो जाते हैं।
वाहन, चाबी ताले की करें पूजा: काल भैरव अष्टमी के दिन अपने वाहन, चाबी, ताला इत्यादि पर कुमकुम लगाकर ओम भैरवाय नमः मंत्र का जाप करें यह आपकी दुर्घटनाओं से रक्षा करता है और सुरक्षा कवच प्रदान करता है।
तिल गुड़ का भोग: काल भैरव अष्टमी के दिन भैरव बाबा को तिल और गुड़ से बने प्रसाद का भोग लगाएं। आप चाहे तो इस दिन भैरव बाबा को जलेबी और बताशे का भोग भी लगा सकते हैं।
