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Kailash Mansarovar Yatra 2025 | 5 साल बाद फिर शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा

Kailash Mansarovar Yatra 2025 In Hindi: 5 साल बाद कैलाश मान सरोवर की यात्रा फिर से प्रारंभ हो रही है। भारत सरकार ने यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन भी प्रारंभ कर दिए हैं। दरसल कोविड-19 और भारत-चीन विवादों की वजह से यह यात्रा पाँच सालों तक स्थगित थी। लेकिन 5 साल बाद दोनों देशों की आपसी सहमति से यह यात्रा फिर से प्रारंभ होने वाली है। पिछले सप्ताह ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी थी। 28 अप्रैल को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी इसकी पुष्टि की थी।

Kailash Mansarovar Yatra 2025

दो रास्तों से होगी यात्रा

पिछले सप्ताह ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दिल्ली में जानकारी देते हुए बताया था कि मान सरोवर की यात्रा दो रास्तों से होगी। पहली उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे के रास्ते और दूसरा सिक्किम के नाथुला दर्रे के रास्ते। 30 जून के 25 अगस्त तक चलने वाली इस यात्रा में कुल 750 तीर्थ यात्रियों को 15 समूहों में 50-50 के जत्थे में यहाँ भेजा जाएगा।

कैलाश मानसरोवर यात्रा का महत्व

कैलाश मानसरोवर तीर्थ तिब्बत में स्थित है, जिस पर चीन का नियंत्रण हैं। यहाँ पर आने वाले तीर्थयात्री पवित्र कैलाश पर्वत और एक पवित्र झील मानसरोवर के दर्शन करते हैं। माना जाता है भगवान शिव अपनी पत्नी देवी पार्वती के साथ ही कैलाश पर्वत की सबसे ऊंची चोटी पर निवास करते हैं। यह चोटी देखने में एक शिवलिंग के आकार की दिखती है। आज तक कोई भी व्यक्ति इस चोटी पर नहीं चढ़ा है, तिब्बत में मान्यता है इसपर चढ़ने वाला व्यक्ति कभी लौट कर वापस नहीं आया है। यह तीर्थ केवल हिंदुओं के लिए ही नहीं, बौद्धों और जैनों के लिए भी अत्यंत महत्व रखता है।

कैसे कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन

30 जून से 25 अगस्त तक चलने वाली इस यात्रा में जाने के लिए इच्छुक यात्री, इसकी ऑफशियल वेबसाइट http://kmy.gov.in पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन फॉर्म ध्यान से भर सकते हैं। इसमें निजी डिटेल्स, हेल्थ सर्टिफिकेट और यात्रा की डिटेल्स आपको ध्यानपूर्वक भरनी होगी। इसके साथ ही निर्धारित शुल्क भी आपको पे करना होगा। आवेदकों की उम्र 70 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

कैसे होगा तीर्थयात्रियों का चयन

यात्रा के लिए तीर्थ यात्रियों का चयन कंप्यूटर आधारित आवेदनों के आधार पर, पूरी पारदर्शिता रखते हुए, स्त्री और पुरुष यात्रियों की संख्या में संतुलन बनाते हुए किया जायेगा।

यात्रियों के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरी

यात्रियों को करीब 6,638 मीटर की ऊंचाई पर यात्रा करनी होती है। जहाँ पर ऑक्सीजन की कमी होती है, और हवा का दबाव भी कम होता है, जिसके वजह से यात्रियों को कई सांस संबंधित कई स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। इसीलिए इस यात्रा पर जाने से पहले यात्रियों को पूरी तरह से स्वास्थ्य संबंधी समस्या ना हो। इसके लिए तीर्थयात्रियों को बकायदे दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टिट्यूट (DHLI) और आईटीबीपी के बेस कैंप में दो बार रजिस्टर्ड तीर्थ यात्रियों का स्वास्थ्य संबंधी परीक्षण होगा। इसीलिए तीर्थ यात्रियों को पूरी तरह फिट होना जरूरी है।

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