Kailash Mansarovar Yatra: चीन ने बढ़ाई कैलाश मानसरोवर यात्रा की फीस, जानिए क्या होगा इसका वैश्विक असर ?

Kailash Mansarovar Yatra

Kailash Mansarovar Yatra: कैलाश मानसरोवर यात्रा हिंदू, बौद्ध, जैन और बॉन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र यात्रा मानी जाती है। कैलाश मानसरोवर यात्रा को पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है। हर वर्ष हजारों श्रद्धालु चीन के तिब्बत क्षेत्र (kailash yatra tibet border)में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील(kailash yatra) की यात्रा करते हैं। बता दें वर्ष 2020 से यह यात्रा स्थगित कर दी गई थी परंतु 2025 में चीन की सहायता से इस यात्रा को फिर से बहाल कर दिया गया है परंतु चीन ने इस बार यात्रा लागत में वृद्धि कर दी है।

Kailash Mansarovar Yatra
Kailash Mansarovar Yatra

जैसा कि हम सब जानते हैं कैलाश मानसरोवर यात्रा को पूरा करने के लिए चीन की सीमा को लांघना पड़ता है। यह पर्वत चीन के तिब्बती क्षेत्र में स्थित है ऐसे में चीन की परमिशन बेहद जरूरी हो जाती है। हालांकि वर्ष 2020 में कोरोना के दौरान भारत चीन सीमा विवाद (indo-china dispute)के चलते इस यात्रा को रोक दिया गया था। परंतु अब 2025 में सरकारी बातचीत से इस यात्रा को फिर से शुरू किया गया है। 2025 में इस यात्रा की शुरू होते ही अब यात्रा के खर्चे में भी वृद्धि हो गई है।

चीन वसूल रहा है 24,000 रुपये तक की अतिरिक्त रकम(kailash yatra ka kharcha)

जहां यह खर्च पहले 90000 रुपए तक था वहीं अब इस यात्रा का खर्च 1.85 लाख रुपए से अधिक पर पहुंच गया है। इसके साथ ही चीन ने नया शुल्क भी लागू कर दिया है जिसमें $300 अतिरिक्त प्रति यात्री देना होगा। इस शुल्क को ग्रास डैमेजिंग शुल्क नाम से लिया जा रहा है। यह शुल्क तभी लिया जा रहा है जब यात्री नेपाल से पोर्टर या सहायक साथ ले जाते हैं। ऐसे में यात्री को ₹24000 अतिरिक्त शुल्क भुगतना पड़ता है।

और पढ़ें: Chanakya Niti Sone Se Pahle Kare Ye Kam: सोने से पहले कर लें यह काम कभी भी नहीं होंगे कंगाल

चीन द्वारा इस शुल्क की वृद्धि के क्या कारण हो सकते हैं?(china ne kyo badhai kailash yatra ki fees)

चीन द्वारा कैलाश मानसरोवर यात्रा के शुल्क की वृद्धि के पीछे सबसे मुख्य कारण है तिब्बत के नाजुक पारिस्थितिक तंत्र को सुरक्षित रखना। इस दौरान चीन पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे इस बात का पूरा ध्यान रख रहा है। ऐसे में इस महत्वपूर्ण कदम के चलते चीन को विभिन्न सुविधाओं के बंदोबस्त करने पड़ रहे हैं जिसके लिए चीन ने अच्छा खासा निवेश कर रखा है और इसी के चलते चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के शुल्क में वृद्धि कर दी है। इसके साथ ही चीन तीर्थ यात्राओं की संख्या को सीमित करना चाहता है की वजह से लागत बढ़ा दी गई है ताकि ज्यादा लागत की वजह से केवल कम यात्री ही इस यात्रा में सम्मिलित हो पाए।

कुल मिलाकर भारत-चीन तनाव के बीच चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से हरी झंडी दे दी है और यह यात्रा प्रक्रिया शुरू हो चुकी है हालांकि फीस में बढ़ोतरी के बावजूद भी तीर्थ यात्रियों के उत्साह में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *