Pakistan Airstrikes In Kabul: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul Air Strike) में गुरुवार रात पाकिस्तानी वायुसेना की एयर स्ट्राइक ने साउथ एशिया में तनाव की नई लहर पैदा कर दी। पाकिस्तान ने दावा किया कि यह हमला तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के सरगना मुफ्ती नूर वली मेहसूद (Mufti Noor Wali Mehsud) को मार गिराने के लिए किया गया, जो पूर्वी काबुल के एक गेस्टहाउस और कार में छिपे थे।
लेकिन तालिबान सरकार (Taliban Government Response After Pakistan Air Strike) ने साफ कर दिया कि हमले में कोई नुकसान नहीं हुआ, स्थिति नियंत्रण में है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद (Zabihullah Mujahid) ने कहा, “विस्फोट में किसी के घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है।” TTP चीफ मेहसूद ने भी ऑडियो मैसेज में दावा किया कि हमला उन पर नहीं हुआ। क्या यह पाकिस्तान की एकतरफा कार्रवाई अफगानिस्तान को बदला लेने पर मजबूर कर देगी, विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारत-पाक-अफगान समीकरण (India-Pakistan-Afghanistan Relations) को प्रभावित कर सकता है।
गुरुवार रात करीब 10 बजे पूर्वी काबुल के अब्दुल हक स्क्वायर (Abdul Haq Square) के पास जोरदार विस्फोट हुए, जो हवाई हमले जैसे लगे। अफगान मीडिया AMU न्यूज के अनुसार, काबुल के कई इलाकों में रहने वालों ने धमाकों की आवाज सुनी। पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया कि पाक वायुसेना ने TTP के ठिकानों पर सटीक हमला किया, जिसमें मेहसूद की कार और गेस्टहाउस तबाह हो गए। लेकिन तालिबान ने इनकार किया। Tolo न्यूज को मिले मेहसूद के ऑडियो में उन्होंने कहा, “मुझ पर कोई हमला नहीं हुआ।” हमले का समय अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी (Amir Khan Muttaqi) के भारत दौरे (Muttaqi India Visit) के ठीक बीच आया, जो 7 दिनों का है।
पाकिस्तान ने इसे “सफल ऑपरेशन” बताया, कहा कि TTP के ठिकानों पर हमला जरूरी था क्योंकि अफगान मिट्टी से पाकिस्तान में हमले हो रहे हैं। TTP पाकिस्तान का सबसे बड़ा आतंकी खतरा (TTP Terror Threat Pakistan) है, जो 2015 से सक्रिय है। पाकिस्तान का आरोप है कि तालिबान TTP को समर्थन दे रहा है, जबकि तालिबान इससे इनकार करता है। पाकिस्तान ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स में दूसरे नंबर पर है, जहां TTP जिम्मेदार है। हाल ही में 30 सितंबर को क्वेटा में सुसाइड ब्लास्ट (Quetta Suicide Blast) में 10 लोग मारे गए, जिसके लिए पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी (Asif Ali Zardari) ने “भारत-समर्थित आतंकियों” को जिम्मेदार ठहराया।
तालिबान सरकार ने कहा कि विस्फोटों से कोई हानि नहीं हुई। प्रवक्ता मुजाहिद ने कहा, “विस्फोट में किसी के घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है।” तालिबान ने हमेशा पाकिस्तान के आरोपों का खंडन किया है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमला तालिबान की संप्रभुता (Taliban Sovereignty) पर सीधा हमला है, जो बदला लेने का संकेत दे सकता है। प्रोफेसर ओमैर अनस ने कहा, “पाकिस्तान का यह कदम अफगानिस्तान को उकसा सकता है, खासकर TTP जैसे ग्रुप्स को मजबूत करेगा।”
पाकिस्तान से बदला लेगा अफगानिस्तान? (
Afghanistan Retaliation Pakistan: विशेषज्ञों का अनुमान है कि तालिबान चुप नहीं रहेगा। प्रोफेसर राजन राज ने कहा, “पाकिस्तान का हमला सीमा पार आक्रमण है, जो अफगानिस्तान को जवाबी कार्रवाई पर मजबूर कर सकता है।” TTP को समर्थन बढ़ सकता है, जो पाकिस्तान के लिए उल्टा पड़ेगा। भारत के लिए यह अवसर है, क्योंकि अफगानिस्तान से भारत-विरोधी गतिविधियां रुक सकती हैं। ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद भारत की रणनीति मजबूत हुई।