दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) के दिल्ली के 30, तुगलक क्रिसेंट स्थित आवास पर मंगलवार दोपहर CJI संजीव खन्ना (CJI Sanjiv Khanna) की गठित 3 सदस्यीय टीम जांच के लिए पहुंची। टीम जज जस्टिस खन्ना के सरकारी घर के उस स्टोर रूम में गई जहां ₹500-₹500 के नोटों से भरीं अधजली बोरियां मिलने का वीडियो सामने आया था.
जांच टीम में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जस्टिस शील नागू, (Justice Sheel Nagu)हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जी एस संधावालिया (Justice G S Sandhawalia) और कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस अनु शिवरामन (Justice Anu Sivaraman) शामिल हैं।
इससे पहले 24 मार्च को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को उनके पैरेंट कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट वापस ट्रांसफर करने की सिफारिश का प्रस्ताव जारी किया।Collegium के प्रस्ताव में कहा गया कि 20 और 24 मार्च 2025 को हुई बैठकों में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) ने दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट वापस भेजने की सिफारिश की है।इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के इस फैसले पर आपत्ति जताई। बार आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है।
जज बोले मुझे कोई गड्डी नहीं दिखी
रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा (Justice Yashwant Verma) का पक्ष भी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि जिस स्टोर रूम में नोटों की गड्डियां मिलने की बात की जा रही है, वहां उन्होंने या उनके परिवार ने कभी कोई पैसा नहीं रखा। वो एक ऐसी खुली जगह है, जहां हर किसी का आना-जाना होता है। उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है।
दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय (Justice DK Upadhyay) ने इंटरनल इन्क्वायरी के बाद सुप्रीम कोर्ट को 21 मार्च को रिपोर्ट सौंपी थी। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा को ज्यूडिशियल काम देने से मना कर दिया है। अब जस्टिस वर्मा के 6 महीने की कॉल डिटेल्स की जांच की जाएगी।
अब ये देखने वाली बात होगी कि CJI द्वारा बनाई गई जांच टीम को जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से क्या बरामद होता है. हालांकि घटना को हुए काफी दिन हो गए हैं. सबूत मिटाने का पर्याप्त समय दिया गया है.