गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की आय में 223% की उछाल: ADR की रिपोर्ट, गुजरात के दलों का दबदबा

देश में पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPP) की आय में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 223% की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है। यह खुलासा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ताजा रिपोर्ट में हुआ है। (Unrecognized political parties income) इस रिपोर्ट के मुताबिक, देश में ऐसी 2764 पार्टियां हैं, जिनमें से 73.26% (2025 दल) ने अपने वित्तीय रिकॉर्ड सार्वजनिक नहीं किए।

रिपोर्ट में बताया गया कि शीर्ष 10 गैर-मान्यता प्राप्त दलों की कुल आय 2019-20 से 2023-24 के बीच 3014.27 करोड़ रुपये रही, जिसमें गुजरात के पांच दलों का योगदान 73.22% (1158.1154 करोड़ रुपये) रहा। (Gujarat political parties) सबसे अधिक आय भारतीय नेशनल जनता दल (Bharatiya National Janta Dal) ने घोषित की, जो 576.458 करोड़ रुपये रही। इसके बाद सत्यवादी रक्षक पार्टी ने 416.2337 करोड़ रुपये की आय दर्ज की। (High-income political parties)ADR की रिपोर्ट के अनुसार, इन दलों की आय का 99.99% हिस्सा दान (Political donations) से आया, जिसमें 93.56% (1479.942 करोड़ रुपये) 20,000 रुपये से अधिक के दान से प्राप्त हुआ।

उदाहरण के लिए, न्यू इंडिया यूनाइटेड पार्टी ने अपनी पूरी आय (407.45 करोड़ रुपये) बड़े दानदाताओं से प्राप्त की। कई दल, जैसे आम जनमत पार्टी और सौराष्ट्र जनता पक्ष, ने पिछले वर्षों में नगण्य आय के बाद 2022-23 में अचानक बड़ी रकम की घोषणा की। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि इन दलों ने 2019-2024 के बीच दो लोकसभा और एक विधानसभा चुनाव में केवल 17 उम्मीदवार उतारे, लेकिन कोई जीत हासिल नहीं की।

कई दल 2015 के बाद बने हैं, जैसे सत्यवादी रक्षक पार्टी (2022), जन मन पार्टी (2021), और न्यू इंडिया यूनाइटेड पार्टी (2018), जो नए दलों द्वारा तेजी से धन जुटाने की प्रवृत्ति को दर्शाता है। (New political parties)गुजरात, दिल्ली और बिहार में इन दलों की वित्तीय रिपोर्ट्स की उपलब्धता राष्ट्रीय औसत से बेहतर रही, लेकिन फिर भी 73% से अधिक दलों ने अपनी आय-व्यय की जानकारी सार्वजनिक नहीं की। ADR ने चुनाव आयोग (ECI) से अनुरोध किया है कि वह गैर-मान्यता प्राप्त दलों की नियमित जांच करे और पांच साल से निष्क्रिय दलों को पंजीकरण से हटाए। (ECI regulatory oversight) साथ ही, वित्तीय पारदर्शिता के लिए दान की पूरी जानकारी RTI के तहत सार्वजनिक करने की सिफारिश की गई है।

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