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JPC On Waqf Bill : जेपीसी ने मंजूर किए सत्तापक्ष के 14 संशोधन प्रस्ताव, कल होगी अगली बैठक

JPC On Waqf Bill: वक्फ को लेकर गठित संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) की बैठक में फैसला लिया गया है कि लोकसभा में पेश वक्फ विधेयक को अब नए स्वरूप में फिर से लाया जाएगा। सोमवार (27 जनवरी 2025) को जेपीसी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) गठबंधन के सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया, जबकि विपक्षी सांसदों द्वारा पेश किए गए हर बदलाव को खारिज कर दिया गया है।

14 धाराओं में संशोधन का प्रस्ताव स्वीकार किया गया। JPC On Waqf Bill

विपक्ष की ओर से जेपीसी के सामने वक्फ संशोधन विधेयक की कुल 44 धाराओं में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे खारिज कर दिया गया। वहीं, सत्ता पक्ष से जुड़े सांसदों की ओर से 14 धाराओं में संशोधन का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है। आसान शब्दों में कहें तो लोकसभा में पेश वक्फ संशोधन विधेयक में कुल 44 अलग-अलग प्रावधान रखे गए थे, लेकिन जब विधेयक संसद की संयुक्त समिति के सामने आया तो सत्ता पक्ष के सिर्फ 14 संशोधनों को ही स्वीकार किया गया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वक्फ संशोधन विधेयक में इन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

31 में से 16 सदस्य ही मौजूद रहे। JPC On Waqf Bill

जेपीसी में पारित संशोधनों को सत्ता पक्ष और विपक्ष द्वारा प्रत्येक संशोधन पर मतदान के बाद पारित किया गया है। सोमवार (27 जनवरी, 2025) को जेपीसी की बैठक के दौरान कुल 31 सदस्यों में से 26 ही मौजूद रहे, जिनमें से 16 सत्ता पक्ष के और 10 विपक्ष के थे। यही वजह रही कि विपक्ष द्वारा लाए गए सभी प्रस्ताव खारिज कर दिए गए।

29 जनवरी को होगी अगली बैठक। JPC On Waqf Bill

अब संसद की संयुक्त संसदीय समिति की अगली बैठक 29 जनवरी 2025 को होगी, जब बिल के ड्राफ्ट रिपोर्ट मौजूदा संशोधनों के साथ समिति के सदस्यों को सौंपे जाएंगे। सूत्रों के अनुसार बिल की यह ड्राफ्ट रिपोर्ट 500 पन्नों से अधिक लंबी है। हालांकि, अगर समिति में मौजूद विपक्षी सांसद इस पर अपना विरोध दर्ज कराते हैं, जिसे असहमति नोट कहा जाता है, तो उनके विरोध का कुछ हिस्सा इस ड्राफ्ट रिपोर्ट में भी शामिल किया जाएगा।

लोकसभा अध्यक्ष को सौंपी जाएगी रिपोर्ट। JPC On Waqf Bill

माना जा रहा है कि 31 जनवरी 2025 से शुरू होने वाले बजट सत्र के दौरान वक्फ बिल पर गठित संसद की संयुक्त समिति की यह ड्राफ्ट रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को सौंपी जाएगी। इसके बाद नियमानुसार समिति द्वारा दिए गए संशोधनों के साथ बिल को नए रूप में सदन में लाया जाएगा, जिस पर नए सिरे से चर्चा होगी। इसके बाद ही बिल को सदन में पारित कराने की कार्रवाई की जाएगी।

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