Sanatan Dharma, Jitendra Awhad Statement: महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के विधायक जितेंद्र आव्हाड (Jitendra Awhad) ने सनातन धर्म को लेकर एक विवादित बयान दिया है, जिसने राजनीतिक हलकों में हंगामा मचा दिया है। आव्हाड ने दावा किया कि सनातन धर्म ने भारत को बर्बाद किया है और इसकी विचारधारा “विकृत” है। यह बयान 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में सभी सात आरोपियों को विशेष एनआईए (Malegaon verdict) अदालत द्वारा बरी किए जाने के बाद आया है, जिसने “भगवा आतंक” की बहस को फिर से हवा दी।
आव्हाड ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “सनातन धर्म नाम का कोई धर्म कभी था ही नहीं। हम हिंदू धर्म के अनुयायी हैं। यह तथाकथित सनातन धर्म ही था जिसने हमारे छत्रपति शिवाजी महाराज को राज्याभिषेक से वंचित किया। इस सनातन धर्म ने छत्रपति संभाजी महाराज को बदनाम किया। इसके अनुयायियों ने ज्योतिराव फुले की हत्या की कोशिश की।” उन्होंने आगे कहा, “सावित्रीबाई फुले पर गोबर और गंदगी फेंकी गई। इसी सनातन धर्म ने शाहू महाराज की हत्या की साजिश रची और डॉ. बी.आर. आंबेडकर को पानी पीने या स्कूल जाने से रोका।”
आव्हाड ने यह भी कहा कि बाबासाहेब आंबेडकर ने सनातन धर्म के खिलाफ विद्रोह किया और मनुस्मृति को जलाकर इसकी दमनकारी परंपराओं को खारिज किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि सनातन धर्म की विचारधारा को खुलकर “विकृत” कहने में कोई डर नहीं होना चाहिए।
इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “सनातन धर्म हमारे देश की संस्कृति और विरासत है। इसके खिलाफ बोलने वाले सनातन का अपमान कर रहे हैं।” बीजेपी की युवा शाखा, भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM), ने मुंबई में एनसीपी कार्यालय के पास प्रदर्शन कर आव्हाड से माफी की मांग की।
यह विवाद तब और गहरा गया जब आव्हाड ने पहले भी छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर बयान दिए थे, जिन्हें बीजेपी ने अपमानजनक बताया था। 2022 में, आव्हाड ने मराठी फिल्म ‘हर हर महादेव’ की स्क्रीनिंग को ठाणे के एक मल्टीप्लेक्स में रुकवाया था, जिसमें उन्होंने शिवाजी महाराज के इतिहास को “विकृत” करने का आरोप लगाया था। इस घटना में उन पर दंगा करने और दर्शकों के साथ मारपीट का मामला दर्ज हुआ था।
2023 में, आव्हाड ने शिवाजी महाराज द्वारा इस्तेमाल किए गए ‘वाघ नख’ की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए थे, जिसे लेकर शिवसेना ने उन्हें लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा, उन्होंने अक्षय कुमार द्वारा शिवाजी महाराज की भूमिका निभाने वाली फिल्म ‘वेदत मराठे वीर दौदाले सात’ का भी विरोध किया था।
आव्हाड के ताजा बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया तूफान खड़ा कर दिया है, खासकर तब जब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। बीजेपी और अन्य संगठनों ने उनके बयान की कड़ी निंदा की है, जबकि एनसीपी (शरद पवार गुट) ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।