Jharkhand Champai Soren : झारखण्ड में इसी साल विधानसभा चुनाव होंगे। राजनीतिक पार्टियां अभी से चुनावी रणनीति बनाने में जुट गई हैं। राज्य में पूर्व सीएम चंपई सोरेन को लेकर राजनीति में हलचल देखी जा रही है। चंपई सोरेन झामुमो को छोड़कर भाजपा में शामिल हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि इसी सिलसिले में वह आज दिल्ली पहुंचे हैं। दिल्ली में चंपई सोरेन भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं।
झामुमो छोड़ सकते हैं चंपई सोरेन (Jharkhand Champai Soren)
हाल ही में जेल से बाहर आकर हेमंत सोरेन ने झारखण्ड के मुख्यमंत्री के रूप में दोबारा शपथ ली थी। इससे पहले उनकी अनुपस्थिति में चंपई सोरेन मुख्यमंत्री पद पर आसीन थे। हेमंत सोरेन के रिहा होने के बाद चंपई सोरेन को सीएम कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। जिसके बाद झामुमो नेता चंपई सोरेन को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। विधानसभा चुनाव इसी साल होने हैं। इस बीच लगातार अटकलें लगाई जा रही हैं कि चंपई सोरेन भाजपा खेमे में जा सकते हैं। चंपई सोरेन झामुमो प्रमुख हेमंत सोरेन की पार्टी से बगावत कर भाजपा में शामिल हों सकते हैं।
रविवार को दिल्ली पहुंचे चंपई सोरेन
रविवार को झारखंड के पूर्व सीएम और झामुमो नेता चंपई सोरेन (Jharkhand Champai Soren) दिल्ली पहुंचे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चंपई सोरेन भाजपा के बड़े नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। ख़बर है कि चंपई सोरेन भाजपा में जाने की तैयारी कर रहें हैं। अगर ऐसा होता है तो आगामी विधानसभा चुनाव में झामुमो को परेशानी हो सकती है। हालांकि मीडिया से बात करते हुए चंपई सोरेन ने बताया कि वह अपने किसी निजी काम के सिलसिले में दिल्ली आए हैं।
भाजपा में जाने की बात पर मौन (Jharkhand Champai Soren)
चंपई सोरेन कोलकाता से दिल्ली पहुंचे हैं। जब उनसे कोलकाता जाने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, “इसके बारे में बाद में बताएंगे।” उनके बयान से लग रहा है था कि वह किसी सीक्रेट वजह से दिल्ली आए हैं। वहीं उनके कोलकाता जाने की वजह भी खास है। इससे उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें और भी तेज हो गई। क्योंकि उन्होंने साफ तौर से भाजपा शामिल नहीं होने की बात से इनकार नहीं किया है।
आदिवासी वोट खो सकता है झामुमो
चंपई सोरेन (Jharkhand Champai Soren) झारखंड की मजबूत कड़ी हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि अगर वह भाजपा में शामिल होते हैं तो उनके साथ कई झामुमो विधायक भी भाजपा में आ सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो सत्ताधारी झामुमो को बड़ा झटका लग सकता है। क्योंकि चंपई सोरेन के पैतृक गांव और माहुलडीह इलाके में स्थित झामुमो के कार्यालय और बाजार से झामुमो के झंडे हटा दिए गए हैं। झारखंड को राज्य का दर्जा दिलाने और आदिवासी समुदाय का विकास करने में चंपई सोरेन की अहम भूमिका रही। ऐसे में उनके भाजपा में जाने से झामुमो आदिवासी वोटबैंक खो सकता है।
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