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रीवा में अवैध क्लीनिक पर बड़ी कार्रवाई: जीवन ज्योति क्लीनिक सील, संचालक पर नियम तोड़ने का आरोप

Jeevan Jyoti Clinic sealed in Rewa

Jeevan Jyoti Clinic sealed in Rewa

Jeevan Jyoti Clinic sealed in Rewa: रीवा में अवैध स्वास्थ्य संस्थानों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को ढेका मोहल्ले में संचालित जीवन ज्योति क्लीनिक को सील कर दिया। क्लीनिक के संचालक, डॉ. संतोष शुक्ला (बीएएमएस), पर नियमों का उल्लंघन करते हुए आयुर्वेद के साथ-साथ एलोपैथिक दवाएं देने और बिना उचित पंजीयन के क्लीनिक चलाने का गंभीर आरोप है।

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लंबे समय से मिल रही शिकायतों के बाद, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. संजीव शुक्ला के नेतृत्व में एक टीम ने क्लीनिक पर छापा मारा। सीएमएचओ ने बताया कि जांच के दौरान डॉ. संतोष शुक्ला आवश्यक दस्तावेज और पंजीयन प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर सके। इसके अलावा, बीएएमएस डिग्रीधारक होने के बावजूद, क्लीनिक में एलोपैथिक दवाओं का उपयोग भी पाया गया, जो नर्सिंग होम एक्ट के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।

नियम तोड़ने का आरोप

सीएमएचओ डॉ. संजीव शुक्ला ने बताया, “नर्सिंग होम और क्लीनिक के संचालन के लिए निर्धारित नियमों के तहत पंजीयन अनिवार्य है। जीवन ज्योति क्लीनिक बिना उचित पंजीयन के संचालित हो रहा था। साथ ही, आयुर्वेद चिकित्सक द्वारा एलोपैथिक दवाओं का उपयोग भी नियमों के खिलाफ है।” पंचनामा तैयार कर क्लीनिक को सील कर दिया गया है। सीएमएचओ ने स्पष्ट किया कि संचालक को दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है, जिसके आधार पर आगे की वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

संचालक का दावा: सभी दस्तावेज मौजूद

क्लीनिक के संचालक डॉ. संतोष शुक्ला ने कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए दावा किया है कि उनके पास सभी जरूरी अनुमतियां और पॉलीक्लिनिक रजिस्ट्रेशन मौजूद है, जिसे उन्होंने सीएमएचओ को दिखाया भी था। एलोपैथिक दवाओं के उपयोग के आरोप को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि ये दवाएं केवल मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव द्वारा नमूने (सैंपल) के रूप में छोड़ी गई थीं, जिनका वे इस्तेमाल नहीं करते थे।

अवैध क्लीनिकों पर शिकंजा

यह कार्रवाई रीवा कलेक्टर के निर्देश पर शहर में अवैध रूप से संचालित संस्थानों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है। कुछ दिन पहले ही नेहरू नगर मोहल्ले में संजीवनी अस्पताल को भी इसी तरह के उल्लंघन के चलते सील किया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने साफ कर दिया है कि मरीजों की जान को जोखिम में डालने वाले ऐसे अवैध क्लीनिकों पर सख्ती जारी रहेगी और आने वाले दिनों में अन्य संदिग्ध संस्थानों पर भी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम शहर में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और नियमों के पालन को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

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