MP flood: जीतू पटवारी ने कहा, “आपदा सिर्फ प्राकृतिक नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही भी है।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि बाढ़ पीड़ितों को 8 दिनों के भीतर मुआवजा नहीं मिला, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
मध्य प्रदेश के गुना, अशोकनगर और शिवपुरी जिले भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालात से जूझ रहे हैं। इस आपदा ने किसानों और आम लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया है। इस बीच, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने गुना के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। न्यू सिटी कॉलोनी सहित अन्य प्रभावित इलाकों में पहुंचकर उन्होंने हालात का जायजा लिया और प्रशासन को आठ दिन का अल्टीमेटम दिया।
जीतू पटवारी की मोहन सरकार को चेतावनी
पटवारी ने मोहन सरकार और प्रशासन को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आठ दिनों के भीतर बाढ़ पीड़ितों को उचित मुआवजा नहीं मिला, तो वे गुना में “इतिहास का सबसे बड़ा चक्काजाम” करेंगे। उन्होंने जिला कांग्रेस अध्यक्ष को निर्देश दिए कि सभी प्रभावित परिवारों का तत्काल सर्वे कराकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया जाए। पटवारी ने आरोप लगाया कि यह आपदा केवल प्राकृतिक नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और सरकारी उदासीनता का परिणाम है।
प्रशासन पर लापरवाही का गंभीर आरोप
पटवारी ने गोपालपुरा बांध से पानी छोड़ने से पहले जनता को सतर्क न करने के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि इस लापरवाही के कारण जान-माल का भारी नुकसान हुआ। साथ ही, उन्होंने सर्वे कार्य में खामियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि प्रशासन मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रहा है।
बाढ़ पीड़ितों की व्यथा, प्रशासन पर नाराजगी
बाढ़ प्रभावित महिलाओं ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के सामने प्रशासन के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया। कई महिलाओं ने बताया कि उनके घरों में रखा गेहूं सड़ चुका है, और प्रशासन ने उन्हें केवल पूड़ी के पैकेट देकर टरका दिया। एक महिला ने बताया कि उसका ऑटो, जो उसकी आजीविका का एकमात्र साधन था, बाढ़ में बह गया। पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि गुना, राघौगढ़ और बमोरी क्षेत्रों में फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं, लेकिन पिछले पांच वर्षों से किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिला।