जेईई एडवांस ने अपने परीक्षा परिणाम जारी कर दिए हैं.भारत में अमूमन कई मिडिल क्लास घरों के होनहार बच्चों में दो सपने पलते हैं इंजीनियर और डॉक्टर,।इसके लिए देश भर में दो परीक्षाएं प्रसिद्द हैं नीट और जेईई।मेडिकल कॉलेज में UG के कोर्सेस में दाखिले के लिए NTA द्वारा कंडक्ट की जाने वाली नीट की परीक्षा अपने परिणामों के बाद जहाँ इस बार सवालों के घेरे में आ गयी है वहीँ जेईई एडवांस के रिजल्ट भी कुछ काम खास नहीं हैं.दोनों ही परीक्षाओं में ऐतिहासिक घटनाएं हुई हैं.लेकिन नीट में जहाँ ये ऐतिहासिकता गोलमाल और धांधली से जुड़ी है जेईई के परिणाम कुछ सुखद अनुभव कराते हैं.इसके लिए क्रेडिट जाता है परीक्षा में रैंक 1 लाने वाले इंदौर के वेद लाहोटी को.वेद ने परीक्षा में 400 में से 355 अंक लेकर इतिहास रच दिया है.आज तक जेईई की परीक्षा में किसी भी छात्र के इतने स्कोर नहीं आये थे.
बचपन से ही होनहार छात्र,कंप्यूटर और AI की ओर रुझान वेद लाहोटी मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले हैं और परीक्षा की तैयारी इन्होने कोटा के ALLEN से की है.इनके पिता एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं और माँ जया लाहोटी गृहणी है.परीक्षा के परिणामों के विषय में वो बीबीसी को बताती हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था की उनका बेटा इस परीक्षा में टॉप करके सारे रिकार्ड्स तोड़ देगा। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक वेद को बचपन से ही कम्प्यूटर्स और AI में काफी इंटरेस्ट था.वो बचपन से पढ़ने लिखने में अच्छे थे.दसवीं में वेद के 98 फ़ीसदी और बारहवीं में 97 फ़ीसदी अंक आये थे. दोनों खूबियों का मिश्रण बना,तैयारी हुई और नतीजा निकल कर आया तो पूरा देश इनपर अब गर्व कर रहा है.
घंटों के हिसाब से नहीं की पढ़ाई पढ़ाई के समय के बारे में वेद ने बताया कि उन्होंने कभी भी घंटों के हिसाब से पढाई नहीं की.उन्होंने ये भी कहा कि ये स्कोर लाना आसान है अगर अभ्यर्थी एग्जाम में पूछे जाने वाले तीनों सब्जेक्ट्स फिजिक्स,केमिस्ट्री और मैथ्स के सारे बेसिक कॉन्सेप्ट्स में अपनी पकड़ मजबूत रखते हैं.वेद IIT मुंबई से अपनी पढ़ाई करना चाहते हैं.JEE परीक्षा के दो स्टेजेस होते हैं मेंस और एडवांस,मेंस की परीक्षा में वेद ने 300 में से 295 अंकों के साथ देश भर में 119वीं रैंक हासिल की थी.
चेस और क्रिकेट के हैं शौक़ीन इंट्रेस्ट्स की बात करें तो वेद को पढ़ने का ही शौक है.आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक मैथ्स इनका फेवरिट सब्जेक्ट है और खाली समय में भी ये मैथ्स के सवाल हल करना पसंद करते नहीं बजाय कोई मूवी और ऑनलाइन गेम खेलने के.इसके अलावा वेद को चेस और क्रिकेट खेलना भी पसंद है.
माँ और नाना पूरी तैयारी में बने रहे मोटिवेशन अब देश की इतनी बड़ी परीक्षा और इतना टफ कम्पटीशन है तो जाहिर सी बात है कि ऐसे भी दिन आये होंगे जब इन्हे लो फील हुआ होगा. ऐसे में मोटिवेशन के लिए वेद दो लोगों के नज़दीक रहे.उनकी माँ जया लाहोटी और नाना आर सी सोमानी।उन्होंने बताया कि कोटा में पढाई के दौरान उनकी माँ ने पूरा साथ दिया वहीँ जब वो इंदौर में आकर रह रहे थे तब उनके नाना ने उन्हें बेहद सपोर्ट किया।इस बार की परीक्षा में असफलता पाने वाले छात्रों के लिए वेद का कहना है कि अगर आप IIT में अपनी जगह बनाने में सफल नहीं भी होते तो उससे जीवन खत्म नहीं होता।आगे कई तरह के ऑप्शन हैं,सफलता और असफलता दोनों जीवन का हिस्सा है.इनका आना जाना लगा रहेगा।