Javed Akhtar Honey Irani: बॉलीवुड की दुनिया जितनी बाहर से चमकदार दिखती है उतनी ही अनगिनत कहानियां इसके अंदर भी भरी हुई है। इन्हीं कहानियों में से एक कहानी ऐसी है जिसे आज भी दबी जुबान में याद किया जाता है। जी हां वह कहानी है जावेद अख्तर, शबाना आज़मी और हनी ईरानी की। वह दौर जिसने एक परिवार को झकझोर कर रख दिया। एक प्रेम कहानी को जन्म दिया और रिश्तो की परिभाषा बदल दी।
क्या जावेद अख्तर और हनी ईरानी के बीच आ गईं शबाना आज़मी?
जी हाँ, हम बात कर रहे हैं फरहान अख्तर के माता-पिता जावेद अख्तर और हनी ईरानी की। दोनों ही 70 से 80 के दशक की सबसे सफल लेखक जोड़ी में शामिल थे। दोनों अपने करियर के उभरते हुए सितारे थे। दो बच्चे फरहान और जोया ने उनकी जिंदगी को परफेक्ट बना दिया। परंतु फिर कुछ ऐसा हुआ जिसने इन दोनों के बीच दूरियां पैदा कर दी। जावेद अख्तर की दुनिया में आ गई शबाना आज़मी, और उनके आते ही जावेद अख्तर का झुकाव उनकी तरफ हो गया। और यही से जावेद अख्तर और हनी ईरानी में भावनात्मक दूरी बढ़ने लगी।
यह अफेयर फिल्म इंडस्ट्री की सबसे बड़ी खबर भी बना और ऐसी लड़ाई भी बन गया जिसने दिल और रिश्तो की जंग छेड़ दी। शबाना आज़मी जानती थी कि जावेद अख्तर पहले से ही शादीशुदा हैं परंतु वे जावेद अख्तर के साहित्यिक, प्रगतिशील और विचारशील व्यवहार से खुद को दूर ना रख सकीं। और दोनों एक दूसरे की तरफ खींचने लगे। इस रिश्ते की वजह से इतनी उथल-पुथल मच गई कि इनके आस पास के लोगों ने साफ तौर पर कह दिया कि या तो इस रिश्ते को नाम दो या तो दूर हो जाओ।
और पढ़ें: वाराणसी फिल्म का टीजर देख सब हुए हतप्रभ, निक जोनास से लेकर महेश बाबू की बेटी बनी राजामौली की फैन
हनी ईरानी और शबाना आज़मी ने नहीं आने दी बच्चों में कड़वाहट
बढ़ते दबाव की वजह से आख़िरकार जावेद अख्तर और शबाना आजमी को आधी रात मस्जिद में शादी करनी पड़ी। और इस बात की पुष्टि खुद एक इंटरव्यू में अभिनेता अन्नू कपूर ने भी की। हालांकि यह शादी सबसे छुप-छुपाकर करनी पड़ी। परंतु इस शादी के बाद हनी ईरानी काफी आहत हो गई और उनके कई बयानों में इसका दर्द भी छलका। परंतु शबाना आज़मी और हनी ईरानी ने इसका ज़रा सा भी असर फरहान अख्तर और जोया अख्तर पर नहीं पड़ने दिया।
आज भी शबाना आज़मी और हनी ईरानी भले ही दोस्त नहीं है पर दोनों दुश्मन भी नहीं है। हालांकि दोनों में कोई बातचीत का रिश्ता नहीं है परंतु फिर भी दोनों एक दूसरे के प्रति सम्मान रखती हैं। दोनों ने मीडिया और किसी भी प्रेस मीट में भी एक दूसरे के प्रति कुछ भी अपशब्द नहीं कहे। यहां तक की बच्चे भी दोनों का बराबर का सम्मान करते हैं। इस कहानी में फरहान अख्तर एक बहुत ही महत्वपूर्ण पुल की तरह खड़े हैं जो अपने पिता के बेहद करीब है तो शबाना आज़मी का भी उतना ही सम्मान करते हैं।

