Janardan became the MP who won Rewa for the third consecutive time: विधानसभा चुनाव के ठीक बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा पर लोगों ने फिर से भरोसा जताया है। रीवा लोकसभा सीट से जर्नादन मिश्रा ने 1 लाख 93 हजार 374 वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी नीलम अभय मिश्रा को हराया है। इस जीत के साथ ही जर्नादन मिश्रा पहले ऐसे सांसद बन गए हैं जिन्होंने लगातार तीसरी जीत दर्ज की है। हांलाकि पिछली लोकसभा चुनाव में वह इससे अधिक मतों से चुनाव जीते थे। बता दें कि लोकसभा चुनाव में मतगणना के शुरुआती रूझान से ही जर्नादन मिश्रा कांग्रेस प्रत्याशी से आगे रहे। इसके बाद जैसे-जैसे चरण बढ़ता गया है कांग्रेस और भाजपा के बीच मतों का अंतर भी बढ़ गया। भाजपा को जीत मिलने के बाद जर्नादन मिश्रा को प्रमाण पत्र दिया गया। इस दौरान उपमुख्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ला सहित भाजपा के अन्य विधायक मौजूद रहे है।
कांग्रेस प्रत्याशी ने ईव्हीएम बदलने का लगाया आरोप
लोकसभा चुनाव की मतगणना प्रांरभ होने के साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी नीलम अभय मिश्रा ने ईव्हीएम मशीन के नम्बर बदलने को लेकर हंगामा मचाया। वह दोपहर मतगणना के दौरान मीडिया सेंटर पहुंचकर कहा कि पंाच ईव्हीएम मशीनों के नम्बर बदले हुए हैं। साथ ही कलेक्टर भी भाजपा की एजेंट की तरह भेदभाव पूर्वक मतगणना करा रही हैं। इसके बाद वह बाहर चली गई हंै। वहीं इस मामले में कुछ देर बाद कलेक्टर ने ईव्हीएम मशीनों केे बदलने को आधारहीन बताया है।
रोम-रोम जनता का ऋणी
सांसद जनार्दन मिश्रा ने तीसरी बाद जीत दर्ज करने को लेकर कहा कि उनका रोम-रोम जनता का ऋणी है और वह इसके लिए जनता के अभारी हैं। जर्नादन ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद अधूरे कामों को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। इसमें रेलवे लाइन का विस्तार, हवाई सेवा और रीवा में 9 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचित करने और नलजल योजनाओं को पूरा करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की हितग्राही मूलक योजना व मोदी के प्रति लोगों का विश्वास के कारण यह जीत मिली है।
एनडीए को मिला है समर्थन
वहीं उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने प्रदेश में भाजपा की ऐतिहासिक जीत का श्रेय केन्द्रीय नेतृ़त्व को दिया। उन्होंने कहा कि जो भाजपा सरकार में प्रदेश में विकास के काम किये हैं। उसी को देखकर जनता ने एक बार फिर से बता दिया है कि उनके मन में भाजपा की मोदी सरकार है। उन्होंने कहा कि एनडीएम को समर्थन मिला है। हालांकि जिस तरह परिणाम की उम्मीद हमें थी, वह नहीं आये हैं। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में उम्मीद के अनुरूप नहीं हैं। वहीं हम उड़ीसा में सरकार बनाने में सफल रहे है।