संभल हिंसा भड़काने के आरोप में जामा मस्जिद के सदर जफर अली गिरफ्तार

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Sambhal Hinsa: कोतवाली में लगभग 4 घंटे की पूछताछ के बाद जफर अली को चंदौसी कोर्ट ले जाया गया। सदर की गिरफ्तारी के बाद उनके साथी अधिवक्ता पुलिस की गाड़ी के पीछे भागने लगे। लोगों ने जफर अली जिंदाबाद के नारे भी लगाए। जफर अली का घर मस्जिद से लगभग 100 मीटर की दूरी पर है। तनाव को देखते हुए इलाके में 200 से ज्यादा जवानों की तैनाती कर दी गई है।

Sambhal Hinsa News in Hindi: संभल जामा मस्जिद के सदर जफर अली को हिंसा के चार महीने बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस जफर अली को रविवार सुबह 11 बजे घर से उठाकर ले गई थी। कोतवाली में लगभग 4 घंटे की पूछताछ के बाद जफर अली को चंदौसी कोर्ट ले जाया गया। सदर की गिरफ्तारी के बाद उनके साथी अधिवक्ता पुलिस की गाड़ी के पीछे भागने लगे। लोगों ने जफर अली जिंदाबाद के नारे भी लगाए। जफर अली का घर मस्जिद से लगभग 100 मीटर की दूरी पर है। तनाव को देखते हुए इलाके में 200 से ज्यादा जवानों की तैनाती कर दी गई है। एसपी केके बिश्नोई, सीईओ अनुज चौधरी फ्लैग मार्च कर रहे हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार दंगा भड़काने की साजिश रचने के मामले में जफर अली को गिरफ्तार किया गया है। 24 नवंबर को संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी। अगले दिन 25 नवंबर को पुलिस ने जफर को उठाकर ले गई और कोतवाली में उनसे पूछताछ की थी।

वकील की यूनिफॉर्म पहले थे जफर अली

रैपिड रिएक्शन फोर्स (RRF) के 50 जवानों और पुलिस वालों की सुरक्षा में जफर अली की गिरफ्तारी के बाद उन्हें पुलिस जीप में बैठाया गया। गिरफ्तारी के समय जफर अली वकील की यूनिफॉर्म में थे। उन्होंने काले कोट को हाथ में लेकर पुलिस जीप में बैठते हुए हाथ हिलाया और लोगों से समर्थन मांगा। इसके बाद वे जीप में बैठ गए। जिस समय जफर अली को चंदौसी की एडीजे कोर्ट ले जाया जा रहा था, तो सड़क के दोनों ओर RRF के जवान मुस्तैद रहे। उनके अलावा ASP श्रीश्चंद्र, संभल सीओ अनुज चौधरी, SIT प्रभारी सीओ असमोली कुलदीप सिंह के अलावा अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद रहे।

प्रशासन लोगों को भड़का रहा

जफर अली के बड़े भाई ताहिर अली उनकी गिरफ्तारी के बाद कोतवाली पहुंचे। उन्होंने बताया कि सुबह करीब 11.30 बजे इंस्पेक्टर साहब और जांच अधिकारी घर आए थे। जांच आयोग के सामने बयान देना था, इसलिए जानबूझकर पुलिस उन्हें जेल भेज रही है, लेकिन कोई बात नहीं। जफर अली ने हिंसा के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जो बयान दिया था,वे उससे पीछे नहीं हटेंगे। वो बयान देंगे कि पुलिस की गोली से ही लोगों की मौत हुई। वो कह रहे हैं कि मैं जेल जाने के लिए तैयार हूं, लेकिन सच्चाई से पीछे नहीं हटूंगा। संभल का प्रशासन लोगों को भड़काने में लगा है। हम तनाव खत्म करना चाहते हैं लेकिन जितने भी उच्च अधिकारी हैं वे सब संभल में तनाव पैदा करना चाहते हैं।

संभल कोतवाली में अधिवक्ताओं की भीड़

जफर अली को हिरासत की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में उनके साथी अधिवक्ता संभल कोतवाली पहुंच गए और पुलिस का विरोध करने लगे। अधिवक्ताओं ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए जफर अली को रिहा करने की मांग की। बढ़ते तनाव को देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने अधिवक्ताओं से बातचीत कर स्थिति को संभाला।

सुरक्षा की दृष्टि से चारों ओर पुलिस फोर्स तैनात

ASP श्रीश्चंद्र ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से इलाके की चौकसी बढ़ा दी गई है। चारों तरफ पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। पुलिस लगातार गश्त कर रही है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि कानून व्यवस्था को किसी भी हालत में प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।

हिंसा में 4 की हुई थी मौत

जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा किया कि ये पहले हरिहर मंदिर था, जिसे बाबर द्वारा 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया गया। इसे लेकर 19 नवंबर, 2024 को संभल कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। उसी दिन सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने मस्जिद के अंदर सर्वे आदेश दिया। इसके लिए कोर्ट द्वारा रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया गया। उसी दिन शाम 4 बजे सर्वे टीम मस्जिद पहुंच गई। 2 घंटे सर्वे तक सर्वे चला हालांकि, उस दिन सर्वे पूरा नहीं हुआ। इसके बाद 24 नवंबर को सर्वे की टीम फिर जामा मस्जिद पहुंची। मस्जिद के अंदर सर्वे चल ही रहा था, इसी दौरान बड़ी संख्या में भीड़ जुएकट गई और पुलिस टीम पर पत्थर फेंकने लगी। इसके बाद हिंसा भड़क गई। इसमें गोली लगने से 4 लोगों की मौत हो गई थी।

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