Jaishankar on Europe : रूस से दोस्ती, पश्चिम को फटकार! जानिए क्यों भारत ने यूरोप को सुनाई खरी-खोटी 

Jaishankar on Europe : पाकिस्तान और भारत के मध्य सीजफ़ायर की चर्चा के बीच भारतीय सांसदों का डेलिगेशन विदेश पहुँच चुका है। जहां भारतीय सांसद अपने डेस्टिनेशन स्थल पर मंच से पाकिस्तान में आतंक के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर पर वैश्विक चर्चा कर रहें हैं। इस बीच भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस से दोस्ती निभाने को लेकर खुलकर स्टैंड लिया है। भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी के दौरान यह पहली बार है जब भारत ने रूस के प्रति खुलकर वैश्विक रूप से मित्रता का सांकेतिक एलान किया है। इसके साथ ही एस. जयशंकर ने पश्चिम देश यूरोप को कड़ी लतार भी लगाई है। भारत का आरोप है कि यूरोप में पाकिस्तान में सैन्य शक्तियों को मजबूत और लोकतंत्र को कमजोर (Jaishankar on West Supported Military Regime in Pakistan) किया है। 

डेनमार्क में Jaishankar ने Europe को लगाई फटकार 

शुक्रवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की यात्रा के तहत डेनमार्क के कोपेनहेगन में थे। इस दौरान डेनमार्क के अखबार ‘पोलिटिकेन’ को दिए साक्षात्कार में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पश्चिमी देश यूरोप को खूब खरी खोटी सुनाई। एस, जयशंकर ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनातनी के दौरान पाकिस्तानी सेना का समर्थन करने के लिए यूरोप की आलोचना भी की।

यूक्रेन-रूस युद्ध में रूस के साथ खड़ा था भारत : Jaishankar

भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर से जब पूछा गया कि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ा, तब लोकतांत्रिक भारत बड़े पैमाने पर तेल खरीद के मामले में तानाशाही व्यवस्था वाले रूस को समर्थन क्यों दे रहा था? इस सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, “दुनिया के बारे में मेरा दृष्टिकोण और यूरोप को लेकर मेरा नजरिया मेरे अपने अनुभवों के आधार पर तय होता है। आप सीमाओं की अखंडता के बारे में बात करते हैं – तो क्यों न हम अपनी सीमाओं की अखंडता से बात की शुरुआत करें? यहीं से मेरी दुनिया शुरू होती है। लेकिन हमें हमेशा यही कहा गया है कि हमें इसका समाधान खुद ही करना होगा।”

यूरोप पर भड़के एस जयशंकर | Jaishankar on Europe

इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर यूरोप पश्चिम पर भड़क उठे। उन्होंने आरोप लगाया कि यूरोप पश्चिम एशिया से कच्चा तेल खरीद कर भारत समय सभी विकासशील देशों के लिए ऊर्जा की कीमत बढ़ा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संपन्न यूरोप ने पश्चिम एशिया की ओर रुक किया क्योंकि उसे रूस से परेशानी थी। जयशंकर ने आगे कहा कि यूरोप ने पश्चिम एशिया के देशों से तेल की कीमत अधिक वसूली चाहिए इसलिए भारत समेत इन देशों ने यूरोप को छोड़कर रस से कच्चा तेल खरीदना स्वीकार किया। 

आजादी के बाद से ही पाकिस्तान सीमा उलंखन कर रहा 

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने डेनमार्क की मीडिया से आगे कहा कि भारत दूसरे देशों की संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं का समर्थन करता है। लेकिन 1947 में भारत की आजादी के बाद से ही पाकिस्तान लगातार कश्मीर में सीमाओं (सीजफ़ायर) का उल्लंघन करता रहा है। उन्होंने आगे कहा कि तब से लेकर अब तक 8 दशकों में भारत में केवल यही देखा है। उन्होंने कहा कि भारत के पाकिस्तान के साथ तनाव में केवल सीमाओं का ही विवाद नहीं है बल्कि पाकिस्तान में फलने-फूलने वाला आतंकवाद भी प्रमुख कारण है। इसलिए आतंकवाद को जलवायु परिवर्तन और बढ़ती गरीबी की तरह विश्व के सामने लाना एक बड़ी सामूहिक चुनौती है। इसी उद्देश्य से भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया और अब विश्व के पटल पर इस ऑपरेशन को आगे बढ़ाना है। 

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