JAGDEEP DHANKHAR: अविश्वास प्रस्ताव पर क्या उपराष्ट्रपति देंगे इस्तीफा?

वहीं, विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि सभापति धनखड़ (JAGDEEP DHANKHAR) ने आसन की गरिमा को ठेस पहुंचाई है,,,,,,,,

JAGDEEP DHANKHAR: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने मंगलवार को जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए उच्च सदन को नोटिस दिया। इसमें चेयरमैन पर ‘पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने’ का आरोप लगाया गया है।

प्रस्ताव पर 60 से ज्यादा सांसदों के हस्ताक्षर

नोटिस पर विरोधी गुट के 60 से ज्यादा सांसदों के हस्ताक्षर हैं। इस अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी के बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। नोटिस पर बीजेपी ने विरोध जताया है। वहीं, विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि सभापति धनखड़ (JAGDEEP DHANKHAR) ने आसन की गरिमा को ठेस पहुंचाई है।

JAGDEEP DHANKHAR के पद की गरिमा

हमारे देश में उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के बाद दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है। उपराष्ट्रपति के कार्यकाल का उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 63 में किया गया है। वह पांच साल की अवधि के लिए पद पर रहते हैं। हालांकि, अपना कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद, वह अगले उपराष्ट्रपति बनने तक पद पर बने रह सकते हैं। संविधान में प्रावधान है कि उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्य करेंगे। उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंपकर पद से इस्तीफा दे सकता है। अनुच्छेद 64 कहता है कि उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पदेन सभापति होगा और लाभ का कोई अन्य पद धारण नहीं करेगा। वहीं, अनुच्छेद 65 में यह उल्लेख है कि मृत्यु, त्यागपत्र या निष्कासन या किसी अन्य कारण से राष्ट्रपति का पद अचानक रिक्त होने पर उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेगा।

क्या हो सकता है उपराष्ट्रपति JAGDEEP DHANKHAR

ऐसी केवल दो स्थितियां हैं जिनमें उपराष्ट्रपति अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने से पहले उपराष्ट्रपति पद से हट सकता है। पहली स्थिति तब होगी जब उपराष्ट्रपति स्वयं इस्तीफा दे देगा और दूसरी स्थिति तब होगी जब उसे पद से हटा दिया जाएगा। जिस प्रक्रिया के तहत उपराष्ट्रपति को पद से हटाया जाएगा उसे अविश्वास प्रस्ताव कहा जाता है।

सियासत के खेल में मंझे खिलाड़ी है उपराष्ट्रपति

जनता दल और कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी तक का सफर तय करने वाले जाट नेता और मशहूर वकील जगदीप धनखड़ (JAGDEEP DHANKHAR) अगस्त 2022 में देश के 14वें उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति बने। उन्होंने विपक्ष से चुनाव लड़ने वाली मार्गरेट अल्वा को हराया था। विपक्षी सांसद उन पर बार-बार पक्षपातपूर्ण फैसले लेने का आरोप लगाते रहे हैं। इससे पहले भी आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह ने कहा कि 60 सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस राज्यसभा सभापति के सचिवालय को भेज दिया गया है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब धनखड़ (JAGDEEP DHANKHAR) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश की गई है।

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