ड्राइवरों की सेहत ठीक रखने में मदद मिलेगी, सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन। 1अक्टूबर 2025 या उसके बाद बनने वाले N2 और N3 कैटेगरी के वाहनों के केबिन के लिए एयर कंडीशन सिस्टम लगाया जाएगा।
अक्टूबर 2025 से ट्रक ड्राइवर के लिए एयर कंडीशंड केबिन अनिवार्य हो जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इसकी घोषणा की है. सरकार ने यह फैसला देश के लॉजिस्टिक क्षेत्र में लागत कम करने, लंबी यात्रा के दौरान ड्राइवरों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत असर को कम करने और सड़क हादसों को रोकने के लिए लिया है.
नोटिफिकेशन के अनुसार 1 अक्टूबर 2025 या उसके बाद बनने वाले N2 और N3 कैटेगरी के वाहनों के केबिन के लिए एयर कंडीशन सिस्टम लगाया जाएगा। यानी सभी नए ट्रकों में ड्राइवरों के लिए फैक्ट्री-फिटेड एसी केबिन होना जरुरी होगा। इससे पहले इसके लिए 1 जनवरी 2025 का समय तय किया गया था.
N2 और N3 कैटेगरी के वाहन
N2 कैटेगरी: इस कैटेगरी में वे सभी मालवाहक वाहन आते हैं जिनका कुल वजन 3.5 टन से अधिक और 12 टन से कम होता है.
N3 कैटेगरी: इस कैटेगरी में वे सभी भरी मालवाहक वाहन आते हैं जिनका कुल वजन 12 टन से अधिक है.
कई कंपनियां ट्र्कों में दे रहीं AC
टाटा और महिंद्रा सहित कई कंपनियां ट्रक ड्राइवरों के लिए एयर कंडीशंड केबिन दे रही हैं. देश के टॉप 5 ट्रक मैन्युफैक्चरिंग की बात करें तो मार्केट कैप के हिसाब से पहले नंबर पर टाटा मोटर्स है. इसके बाद महिंद्रा एंड महिंद्रा, आयशर मोटर्स, अशोक लीलैंड और फ़ोर्स मोटर है.
15 दिसंबर से देश में ही होगा कारों का क्रैश टेस्ट
देश में चलने वाली कारों को सेफ्टी रेटिंग देने के लिए भारतीय एजेंसी भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP या BNCAP) 15 दिसंबर 2023 से क्रैश टेस्ट शुरू करने जा रही है. 1 अक्टूबर को भारतीय कार टेस्टिंग एजेंसी को लॉन्च किया गया था.
क्रैश टेस्टिंग की प्रोसेस
टेस्ट के लिए इंसान जैसी 4 से 5 डमी को कार में बैठाया जाता है. बैक सीट पर बच्चे की डमी होती है, जो चाइल्ड ISOFIX एंकर सीट पर फिक्स की जाती है.
गाड़ी को फिक्स स्पीड पर ऑफसेट डिफ़ॉर्मेबल बैरियर से टकराकर देखा जाता है कि गाड़ी और डमी को कितना नुकसान पहुंचा है.
टेस्टिंग में देखा जाता है कि इंपैक्ट के बाद डमी कितनी डैमेज हुई, एयर बैग सेफ्टी फीचर्स ने काम किया या नहीं। इन सभी के आधार पर रेटिंग दी जाती है.