Issue of sewer line of Satna city raised in assembly: विकास के नाम पर वर्षों से बद्हाली का शिकार सतना शहर के सीवर लाइन और उसके गड्ढों की वजह से कीचड़ का मुद्दा अब प्रदेश की विधानसभा तक पहुंच गया है। सतना विधायक ने जनता की पीड़ा को सदन पर उठाया है। साथ ही प्रदेश के 5 अन्य विधायकों ने भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सतना नगर निगम को इस मुद्दे पर सदन में घेरा। बतादें कि पिछले कई वर्षों से स्मार्ट सिटी सतना नगर निगम क्षेत्र में चल रहे सीवर लाइन प्रोजेक्ट का मुद्दा भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गया है। मध्य प्रदेश विधानसभा में सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा सहित सतना के प्रभारी मंत्री रहे विधायक लखन घनघोरिया, डॉ रामकिशोर दोगने, महेश परमार, कैलाश कुशवाहा तथा डॉ हीरालाल ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से सतना शहर की दुर्दशा को सदन में उठाया है।
ध्यानाकर्षण सूचना में रखी बात
ध्यानाकर्षण सूचना में विधायकों ने बताया है कि सीवर प्रोजेक्ट के नाम पर पूरे सतना शहर को गड्ढों में तब्दील कर दिया गया है। जिसके चलते सतना की जनता परेशान है। अनियोजित और अव्यवस्थित तरीके से बिना सड़क का रिस्टोरेशन किए लगातार खुदाई की जा रही है और मलबा फैला दिया गया है। जिससे बारिश में कीचड़ की वजह से सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है। सीवर प्रोजेक्ट में बेहद घटिया स्तर का काम किया जा रहा है। निर्माण के दौरान न वाटर लेवल मिलाया जा रहा और न ही गुणवत्ता पूर्ण चेम्बर का निर्माण किया जा रहा है। पाइप भी छोटे डायमीटर के डाले जा रहे हैं, जिससे भविष्य में परेशानी और बढ़ना तय है।
दोषियों को सस्पेंड किया जाये
सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा सहित अन्य विधायकों ने सीवर प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए रिस्टोरेशन वर्क के टेंडर अलग से कराए जाने पर भी सवाल खड़ा किया है। विधायकों का कहना है कि इस तरह की प्रक्रिया अपनाना जनता के साथ छलावा है। सीवर की खुदाई के साथ ही रिस्टोरेशन के भी ठेका होता है, लेकिन सतना में ऐसा नहीं किया जाना सवाल खड़े करता है। विधायकों का कहना है कि इस पूरे मामले को ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त को सौंपा जाना चाहिए। साथ ही प्रकरण दर्ज कराकर दोषियों को सस्पेंड किया जाना चाहिए।
Issue of sewer line, Satna city, raised in assembly