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ISRO Launch Bluebird 2 : भारत की अंतरिक्ष में बड़ी छलांग! ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 से स्मार्टफोन सीधे उपग्रहों से जुड़ सकेंगे

ISRO Bluebird Block-2 satellite launch vehicle lifting off from Indian launch pad

ISRO Launch Bluebird 2 : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज एक ऐतिहासिक मिशन के तहत अमेरिका के AST स्पेसमोबाइल का ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट लॉन्च करेगा। यह मिशन खास तौर पर कमर्शियल है, जिसमें 6,100 किलोग्राम वजन का यह सबसे बड़ा पेलोड पृथ्वी की निम्न कक्षा में स्थापित किया जाएगा। अमेरिका की इस नई सैटेलाइट की लॉन्चिंग सतीश धवन स्पेस सेंटर से होनी तय थी। ये इसरो का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक सैटेलाइट लॉन्च है, जो स्मार्टफोन को अंतरिक्ष से जोड़ेगा। यानी यह नया सैटेलाइट पृथ्वी से सीधे स्मार्टफोन को हाई-स्पीड सेलुलर ब्रॉडबैंड सेवा देगा।

LVM3 रॉकेट से लॉन्च हुआ ब्लूबर्ड ब्लॉक-2

ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 इसरो का अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट है, जिसे LVM3 रॉकेट से लॉन्च कर लोअर अर्थ ऑर्बिट में भेजा जाएगा। इससे पहले यह रिकॉर्ड 4,400 किलोग्राम वज़न वाले CMS-03 संचार सैटेलाइट का था, जिसे 2 नवंबर को लॉन्च किया गया था। इसरो की अमेरिकन कंपनी AST स्पेसमोबाइल के साथ साझेदारी में यह मिशन कर रहा है। लॉन्च के लगभग 15 मिनट बाद, यह सैटेलाइट रॉकेट से अलग हो जाएगी और लगभग 600 किलोमीटर की ऊंचाई पर लोअर अर्थ ऑर्बिट में तैनात हो जाएगी।

स्मार्टफोन सीधे उपग्रहों से जुड़ सकेंगे

अमेरिका की नई सैटेलाइट ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 पृथ्वी से सीधे स्मार्टफोन को हाई-स्पीड सेलुलर ब्रॉडबैंड सेवा देगा। ये स्मार्टफोन को अंतरिक्ष से जोड़ेगा। सैटेलाइट ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 की मदद से स्मार्टफोन वाणिज्यिक और सरकारी दोनों उद्देश्यों के लिए सीधे उपग्रहों से जुड़ सकेंगे। यह नेटवर्क दुनिया भर में कहीं भी 4G और 5G वॉयस और वीडियो कॉल, मैसेजिंग, स्ट्रीमिंग और डेटा सेवाओं को सपोर्ट करेगा। इस सैटेलाइट की मदद से अंतरिक्ष से सीधे धरती पर कॉल, मैसेज या वीडियो कॉल किया जा सकेगा।

ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 क्यों है खास?

कौन है डॉ. नारायणन?

LVM3 रॉकेट पहले भी कई बड़े मिशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुका है। जैसे चंद्रयान 2, चंद्रयान 3 और 72 से ज्यादा सैटेलाइट्स का सफल प्रक्षेपण इसमें शामिल है। ISRO के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन इस मिशन के लिए बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने तिरुमला के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा की और सफलता की कामना की। डॉ. नारायणन देश के प्रमुख वैज्ञानिक और रॉकेट टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में एम.टेक किया, और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री हासिल की। उन्होंने 1984 में इसरो में अपने करियर की शुरुआत की, और पिछले वर्षों में GSLV Mk III जैसे बड़े प्रोजेक्ट में अहम भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में, इसरो ने कई महत्वपूर्ण मिशन पूरे किए हैं, और आज का यह लॉन्च भी भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई उपलब्धि साबित होगा।

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