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शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की उड़ान को तैयार: ISRO का ऐतिहासिक एक्सिओम-4 मिशन 19 जून को ISS के लिए रवाना

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने घोषणा की है कि भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Group Captain Shubhanshu Shukla) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) के लिए 19 जून 2025 को रवाना होंगे। वह एक्सिओम-4 मिशन (Axiom-4 Mission) के चार सदस्यीय क्रू का हिस्सा हैं, जो 14 दिनों तक ISS पर रहकर वैज्ञानिक प्रयोग (Scientific Experiments) करेंगे। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेगा, क्योंकि शुभांशु शुक्ला ISS पर जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री (First Indian Astronaut to ISS) होंगे और 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय।

एक्सिओम-4 मिशन का विवरण

एक्सिओम-4 एक निजी अंतरिक्ष मिशन (Private Space Mission) है, जिसे अमेरिकी कंपनी एक्सिओम स्पेस (Axiom Space) संचालित कर रही है। यह मिशन NASA और SpaceX के सहयोग से फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर (Kennedy Space Center) से स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट (Falcon-9 Rocket) पर क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान (Crew Dragon Spacecraft) के जरिए लॉन्च होगा। मिशन का नेतृत्व पूर्व NASA अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन (Peggy Whitson) करेंगी, जबकि शुभांशु शुक्ला मिशन पायलट (Mission Pilot) की भूमिका निभाएंगे। क्रू में पोलैंड के स्लावोस उज़नांस्की-विस्निव्स्की (Slawosz Uznanski-Wisniewski) और हंगरी के टिबोर कपु (Tibor Kapu) भी शामिल हैं।

मिशन के दौरान क्रू 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग (Microgravity Research) करेगा, जिनमें भारत के सात प्रयोग शामिल हैं। इनमें माइक्रोग्रैविटी में फेनुग्रीक और मूंग दाल के अंकुरण (Seed Germination in Space), मांसपेशियों के पुनर्जनन (Muscle Regeneration), और टार्डिग्रेड्स की सहनशक्ति (Tardigrade Resilience) जैसे प्रयोग शामिल हैं। ये प्रयोग भारत के गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) के लिए भी महत्वपूर्ण होंगे।

मिशन की बार-बार स्थगन की कहानी

एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्च तारीख में कई बार बदलाव (Postponements) हुआ है। शुरुआत में इसे मई 2025 के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन तकनीकी और मौसमी कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया। प्रमुख स्थगन इस प्रकार हैं:

शुभांशु शुक्ला का प्रोफाइल

लखनऊ में 10 अक्टूबर 1985 को जन्मे शुभांशु शुक्ला एक अनुभवी टेस्ट पायलट (Test Pilot) हैं, जिनके पास सुखोई-30, मिग-21, मिग-29, जैगुआर, हॉक, और डोर्नियर जैसे विमानों में 2,000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव (Flight Experience) है। वह गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं। उन्होंने रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर (Yuri Gagarin Cosmonaut Training Center) और NASA के जॉनसन स्पेस सेंटर (Johnson Space Center) में कठिन प्रशिक्षण (Rigorous Training) लिया है।

मिशन का महत्व

यह मिशन भारत के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक है। यह न केवल भारत की अंतरिक्ष क्षमता (Space Capabilities) को प्रदर्शित करेगा, बल्कि गगनयान मिशन के लिए अनुभव (Experience for Gaganyaan) भी प्रदान करेगा। ISRO ने इस मिशन के लिए लगभग 500 करोड़ रुपये (Mission Cost) का भुगतान किया है। मिशन के दौरान शुभांशु भारतीय संस्कृति (Indian Culture) को बढ़ावा देने के लिए योग (Yoga in Space) करेंगे और भारतीय छात्रों के साथ वीडियो कॉल (Interaction with Students) के जरिए बातचीत करेंगे।

प्रधानमंत्री और ISRO की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इस मिशन को भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया मील का पत्थर (Milestone in Space Journey) बताया है। ISRO चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन (Dr. V. Narayanan) ने कहा कि यह मिशन भारत, NASA, और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency) के बीच सहयोग (International Collaboration) का प्रतीक है।

भारत अब इस ऐतिहासिक उड़ान के लिए तैयार है, और देशवासियों की निगाहें शुभांशु शुक्ला पर टिकी हैं, जो 1.4 अरब भारतीयों के सपनों को अंतरिक्ष में ले जाएंगे।

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