Israel Iran War : इजराइल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध के बीच भारत सरकार अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ (Operation Sindhu) चला रही है। इस आपरेशन के तहत अब तक कई भारतीय अपने घर लौट चुके हैं। ईरान से सुरक्षित लौटने के बाद पत्नी को रिसीव करने पहुंचे पति की बातें सुनकर हर कोई हैरान रह गया है। उन्होंने कहा, “वापस आने से बेहतर था कि वहीं शहीद हो जाती।”
Israel Iran War के बीच भारत का ‘ऑपरेशन सिंधु’
ईरान और इजरायल का सैन्य युद्ध (Israel Iran War) अब बिना अंजाम पर पहुंचे थमने वाला नहीं है। यह युद्ध अब चरम सीमा पर पहुँच चुका है। इस दौरान ईरान और इजरायल में कई भारतीय लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें भारत सरकार सुरक्षित वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ चला रही है। इस आपरेशन के तहत अब तक कई भारतीय अपने घर लौट चुके हैं।
पति बोला – ईरान में ही शहीद हो जाती | Israel Iran War news
भारत के ऑपरेशन सिंधु के तहत कई भारतीय नागरिक ईरान से वापस देश लौटे हैं। इनमें से कुछ भारतीय लोगों का कहना है कि ईरान की धरती पर शहीद होना ज्यादा बेहतर होता। इन लोगों का कहना है कि शहादत से बड़ी मौत कोई नहीं है। दिल्ली की निवासी निदा के पति भी उन्हीं में से एक हैं। वे अपनी पत्नी को दिल्ली एयरपोर्ट पर रिसीव करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा, “इंसान शहीद होकर अमर रहता है। शहादत से बेहतर मौत और कोई नहीं है। यहां आने से बेहतर था कि वहीं मर जाती।”
ईरान की ‘पाकीजा’ जमीन पर शहीद होने का समय
ईरान से सुरक्षित भारत लौटी निदा के पति ने कहा, “ईरान की जमीन पाक है, और वहां शहीद होने का वक्त है। अगर वहीं मरती, तो अमर हो जाती।” उनके पति ने आगे कहा, “अभी ईरान की ‘पाकीजा’ जमीन पर शहीद होने का समय है। वहां भी सुकून था, बस कनेक्टिविटी का मसला था। हमारे सुप्रीम लीडर ने कहा है कि इंसान शहीद हो, तो अमर हो जाता है।”
भारत लौटी निदा ने सरकार को कहा – थैंक्यू | Israel Iran War
वहीं, ईरान से भारत लौटी निदा ने अपने वहाँ के हालातों के बीच गुजरे दिनों की आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि वह 3 जून को ईरान गई थीं और वहां उन्होंने सरकार से मदद मांगी। नेटवर्क की धीमी रफ्तार के कारण उनके साथ संपर्क नहीं हो पा रहा था। भारत लौटकर, उन्होंने सरकार का दिल से धन्यवाद भी किया। निदा ने कहा कि बॉर्डर पर कुछ परेशानियां आईं, लेकिन अंत में वे सुरक्षित भारत पहुंच गईं।
निदा ने अपनी बात पर कहा, “अगर वक्त पड़ेगा, तो भारत के लिए शहीद होंगे। शहीद होने का इससे बड़ा सम्मान और क्या हो सकता है।”