Israel-Iran War: तनाव चरम पर, नेतन्याहू ने दी चेतावनी, पीएम मोदी से की बात

Israel-Iran War: मध्य पूर्व में तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है, क्योंकि इजराइल ने शुक्रवार देर रात भारतीय समयानुसार करीब 10:30 बजे ईरान पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले (Airstrikes) किए। इजराइली फाइटर जेट्स ने ईरान के परमाणु ठिकानों (Nuclear Facilities) और सैन्य अड्डों (Military Bases) को निशाना बनाया, जिसमें 78 लोगों की मौत और 350 से ज्यादा लोग घायल होने की खबर है।

इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने इसे “ऑपरेशन राइजिंग लायन” (Operation Rising Lion) करार देते हुए कहा कि यह हमला ईरान के परमाणु खतरे को खत्म करने (Neutralize Nuclear Threat) और उसकी मिसाइल उत्पादन क्षमता को कमजोर करने (Cripple Missile Production) के लिए जरूरी था। उन्होंने चेतावनी दी कि यह “सिर्फ शुरुआत” है और हमले “जितने दिन जरूरी होंगे, जारी रहेंगे।”

ईरान का जवाबी हमला, तेल अवीव और यरुशलम में धमाके

ईरान ने इजराइल के हमलों का जवाब देते हुए शनिवार सुबह बैलिस्टिक मिसाइलों (Ballistic Missiles) और ड्रोन्स (Drones) से तेल अवीव और यरुशलम पर हमले किए। ईरानी सेना ने दावा किया कि उनके हमलों ने इजराइल के सैन्य ठिकानों (Military Targets) को निशाना बनाया, जिसमें एक हवाई अड्डा और दो सैन्य शिविर शामिल हैं। इजराइल ने दावा किया कि उनके आयरन डोम डिफेंस सिस्टम (Iron Dome Defense System) ने अधिकांश मिसाइलों को नष्ट कर दिया, लेकिन कुछ इलाकों में नुकसान और 12 लोगों की मौत की खबर है।

पीएम मोदी से नेतन्याहू की बात

इजराइली पीएम नेतन्याहू ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से शनिवार सुबह फोन पर बात की और क्षेत्रीय स्थिति पर चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक, नेतन्याहू ने भारत से मध्यस्थता (Mediation) की गुहार लगाई, जबकि पीएम मोदी ने दोनों पक्षों से संयम बरतने (Exercise Restraint) और शांति बनाए रखने की अपील की। भारत ने अपने नागरिकों के लिए ईरान और इजराइल की यात्रा के लिए एडवाइजरी (Travel Advisory) जारी की है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने आपातकालीन बैठक बुलाई है, जिसमें दोनों देशों से युद्धविराम (Ceasefire) की मांग की गई। अमेरिका ने इजराइल के हमलों का समर्थन (Support for Israel) करते हुए कहा कि यह “आत्मरक्षा” (Self-Defense) का कदम था, जबकि रूस और चीन ने इजराइल की कार्रवाई की निंदा (Condemnation) की है।

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