RSS का ये सर्वे बीजेपी की टेंशन बड़ा रहा?

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MP Lok Sabha Chunav 2024: आगामी लोकसभा का रण अपने चरम पर है, इसी बीच आरएसएस की ओर से एक सर्वे कराया गया है, इस सर्वे की रिपोर्ट कहती है कि बीजेपी को आदिवासी बाहुल्य सीटों पर सीधे तौर पर नुकसान हो सकता है.

Madhya Pradesh Politics News: विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद बीजेपी आत्मविश्वास से लबरेज है. लोकसभा चुनाव के लिए नेता अबकी बार, 400 पर का नारा दे रहे हैं. मध्य में भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव जितने के बाद से ही मिशन 29 का नारा दे रही है और यहीं नहीं फ़तेह करने का दवा भी कर रही है. लेकिन इसके उलट आदिवासी बाहुल्य कुछ लोकसभा सीटों पर बीजेपी कमजोर नजर आ रही है. अंदुरुनी सर्वे में दवा किया गया है कि आदिवासी बाहुल्य सीटों पर सीधे तौर पर BJP को नुकसान हो सकता है.

2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने को मिली ऐतिहासिक जीत से पार्टी और उसके नेता काफी उत्साहित थे. बीजेपी ने एमपी में 163 सीटें हासिल की हैं. अब लोकसभा चुनाव में भी विधानसभा चुनाव के प्रदर्शन को दोहराने की बात कही जा रही है, लेकिन कुछ सीटों पर बीजेपी को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही हैं.

कांग्रेस ने शुरू की घेरा बंदी

29 लोकसभा सीटों वाले मध्य प्रदेश में धार खरगोन, रतलाम, शहडोल, मंडला और बैतूल 6 सीटों अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं, जबकि 4 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में सभी आरक्षित सीटें भाजपा ने जीती थीं. इस बार कांग्रेस अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर जीत के लिए काम कर रही है. यहां आदिवासी वर्ग को साधने का प्रयास किया जा रहा है.

कांग्रेस की 66 में 22 आदिवासी बहुल क्षेत्र से

दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव में 230 में 66 विधानसभा की सीट जितने में कामयाब रही थी. कांग्रेस की कुल विजयी सीटों में 22 सीटें आदिवासी क्षेत्र की हैं. मालवा और निमाड़ में सबसे ज्यादा 22 सीटें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित थीं, उनमें से 11 सीटें कांग्रेस की झोली में आई हैं. जयस के साथ जाना भी कांग्रेस के लिए फ़ायदेमजंद साबित हुआ था.

संघ की रिपोर्ट क्या कहती है?

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अंदुरुनी सर्वे के अनुसार, एसटी बाहुल्य लोकसभा सीट धार, मड़ला और रतलाम में बीजेपी की स्तिथि अच्छी नहीं है. यहां जमीनी कार्यकर्ताओं में के तथ्यों को नजरअंदाज किया जा रहा है. इस मुद्दे पर एक बड़े नेता का कहना है कि जब कार्यकर्ता घर बैठे जाएगें तो बीजेपी को और मुश्किल होगी। लिहाजा, बीजेपी को डेमेज कंट्रोल के लिए जल्द ठोस कदम उठाना होंगे।

आकंड़े क्या कहते है?

मध्य प्रदेश में शहडोल, मंडला, रतलाम, धार खरगोन और बैतूल लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति यानी एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं, जबकि गुना सतना, सीधी, बालाघाट, छिंदवाड़ा सीट पर आदिवासी के वोट निर्णायक भूमिका में रहते हैं.

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