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आखिर लोग क्यों डरते हैं MF में निवेश से! क्या यह सुरक्षित है? जानें सब कुछ

Is Mutual Funds Investment Safe? म्यूचुअल फंड निवेश का ऐसा माध्यम है, जिसमें कई निवेशकों से पैसा लेकर, उस पैसे को कई शेयरों Equity, Debt और Government Securities या अन्य वित्तीय साधनों में लगाया जाता है. इस पूरे निवेश को एक पेशेवर फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है, जिसे फंड के प्रदर्शन का अनुभव होता है.

यह सुरक्षित है या नहीं

अब बात है Mutual Funds के सुरक्षित होने या नहीं होने की तो म्यूचुअल फंड को पूरी तरह से सुरक्षित निवेश नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इनमें कुछ हद तक बाजार का जोखिम (Market Risk) जुड़ा होता है लेकिन, यदि इन्हें समझदारी से चुना जाए और सही समय-सीमा (Time Horizon) के लिए निवेश किया जाए, तो ये एक अच्छा और अपेक्षाकृत सुरक्षित विकल्प बन सकते हैं.

Mutual Funds पर किसका कंट्रोल होता है

म्यूचुअल फंड को SEBI कंट्रोल करता है, जिससे आपके पैसे की सिक्योरिटी बनी रहती है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि नुकसान नहीं हो सकता. खासकर जो इक्विटी फंड होते हैं वो मार्केट से जुड़े होते हैं, तो उनमें उतार-चढ़ाव हो सकता है. वहीं डेट फंड थोड़े स्टेबल होते हैं और रिस्क कम होता है.

MF में निवेश एक समझदारी भरा निर्णय?

म्यूचुअल फंड में निवेश करना एक समझदारी भरा निर्णय हो सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से आपकी निवेश की सोच, समय-सीमा और जोखिम उठाने की क्षमता पर निर्भर करता है. म्यूचुअल फंड उन निवेश योजनाओं में से हैं जो आम जनता को आसान तरीके से शेयर बाजार, सरकारी बॉन्ड (Government bonds), और अन्य वित्तीय साधनों (financial instruments) में निवेश का अवसर प्रदान करते हैं.

सुरक्षित ऐसे होता है

चूंकि इसे पेशेवर फंड मैनेजर द्वारा संचालित किया जाता है, जो बाजार का विश्लेषण करके निवेश का निर्णय लेते हैं, इसलिए एक आम निवेशक के लिए यह एक सुरक्षित और सुलभ माध्यम बन जाता है. हालांकि ‘सुरक्षित’ का मतलब यहां यह नहीं है कि इसमें कोई जोखिम नहीं होता. म्यूचुअल फंड की सुरक्षा इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस प्रकार के फंड में पैसा लगा रहे हैं.

इक्विटी म्यूचुअल फंड स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं, जो ज्यादा रिटर्न दे सकते हैं लेकिन उनमें जोखिम भी ज्यादा होता है. वहीं, डेट म्यूचुअल फंड सरकारी बॉन्ड या Corporate Debentures में निवेश करते हैं, जो अपेक्षाकृत स्थिर होते हैं और कम रिस्क के साथ आते हैं. म्यूचुअल फंड को भारत में SEBI द्वारा रेगुलेट किया जाता है, जिससे निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है. यह पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देता है. फिर भी, किसी भी फंड में निवेश करने से पहले उसके पिछले प्रदर्शन, उस फंड को मैनेज करने वाले AMC (Asset Management Company), फंड मैनेजर की रणनीति और निवेश उद्देश्य को समझना बहुत जरूरी होता है.

SIP के जरिए करें शुरुआत

अगर आप निवेश के शुरुआती दौर में हैं, तो यह सलाह दी जाती है कि आप SIP (Systematic Investment Plan) के जरिए निवेश शुरू करें, जिससे आप धीरे-धीरे बाजार को समझ सकें और जोखिम को कम कर सकें. म्यूचुअल फंड एक सुरक्षित निवेश विकल्प हो सकता है, बशर्ते कि आप सोच-समझकर, जानकारी के साथ और लंबे समय की योजना के साथ निवेश करें. किसी भी निवेश में पूरी जानकारी और धैर्य सबसे महत्वपूर्ण चीजें होती हैं.

Equity Mutual Funds (शेयर बाजार से जुड़े फंड): ये फंड लंबे समय में अच्छा रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन इनमें अधिक जोखिम होता है क्योंकि ये शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से सीधे प्रभावित होते हैं. जबकि Debt Funds (ऋण आधारित फंड) में जोखिम कम होता है क्योंकि ये सरकारी बॉन्ड, कॉर्पोरेट डिबेंचर्स जैसे स्थिर साधनों में निवेश करते हैं. Hybrid Funds (मिश्रित फंड) इक्विटी और डेट का संयोजन होते हैं, जिनमें संतुलित जोखिम और रिटर्न होता है.

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