अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) इन दिनों भारत के प्रति सख्त रुख अपनाए हुए हैं, जबकि पाकिस्तान के साथ मित्रता बढ़ाने और रूस (Russia) व चीन (China) के साथ नजदीकी को मजबूत करने की कोशिशें कर रहे हैं। हाल ही में ट्रंप की पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असिम मुनीर के साथ मुलाकात और उनकी भारत को अमेरिकी धरती से दी गई धमकियां ने भारत-अमेरिका संबंधों (India-US Relations) में तनाव पैदा कर दिया है। इस बीच, ट्रंप का रूस और चीन के साथ मित्रता (US Alliance with Russia and China) बढ़ाना और भारत के साथ बुरा बर्ताव ने जियोपॉलिटिकल संतुलन को प्रभावित किया है। क्या यह स्थिति भारत के लिए एक नया संकट पैदा कर सकती है?
ट्रंप का भारत के प्रति बदलता रुख
Trump’s Changing Stance on India: पिछले कुछ महीनों में ट्रंप का रवैया भारत के प्रति नरम से सख्त हो गया है। हाल ही में जून 2025 में ट्रंप ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख असिम मुनीर (Asim Munir) से मुलाकात की, जिसमें उन्होंने भारत-पाक युद्ध (India-Pakistan Conflict) को रोकने का श्रेय लिया, लेकिन भारत ने इसे अपनी सैन्य वार्ता का परिणाम बताया। इसके बाद असिम मुनीर ने अमेरिका में जामनगर रिफाइनरी (Jamnagar Refinery) को निशाना बनाने की धमकी दी, जिसे भारत ने कड़ा जवाब दिया। ट्रंप की चुप्पी (Silence) और पाकिस्तान के प्रति समर्थन (Support for Pakistan) ने भारत में नाराजगी पैदा की है।
अमेरिका की रूस और चीन के साथ नजदीकी
ट्रंप की हालिया नीति में रूस और चीन के साथ संबंधों (US Relations with Russia and China) में नरमी देखी जा रही है। 7 मार्च 2025 को ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने चीन के साथ व्यापारिक वार्ता को गति दी, जबकि रूस के साथ यूक्रेन युद्ध (Ukraine War) पर 15 अगस्त 2025 को अलास्का में पुतिन (Putin) से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने आर्थिक सहयोग और सैन्य तनाव कम करने की बात कही, जो भारत के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि भारत रूस से हथियार और चीन के साथ सीमा विवाद से जूझ रहा है।
पाकिस्तान के साथ मित्रता और भारत को धमकी
ट्रंप का पाकिस्तान के साथ गहराता रिश्ता भारत के लिए खतरे की घंटी है। 22 जून 2025 को रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने मुनीर के साथ क्रिप्टोकरेंसी और व्यापार पर चर्चा की, जो भारत के खिलाफ एक संकेत माना जा रहा है। उधर, असिम मुनीर ने अमेरिकी मंच से भारत को धमकाया, जिसमें जामनगर रिफाइनरी (Jamnagar Refinery) और जल युद्ध का जिक्र था। भारत ने इसे “अमेरिकी समर्थन” के तौर पर देखा और कूटनीतिक विरोध दर्ज किया।
भारत के लिए संकट की संभावना
विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका का रूस-चीन-पाकिस्तान के साथ नजदीकी (US-Russia-China-Pakistan Proximity) भारत के लिए जियोपॉलिटिकल संकट पैदा कर सकती है।
- सैन्य असंतुलन: रूस से हथियार आपूर्ति कम होने और चीन के साथ तनाव बढ़ने से भारत की रक्षा कमजोर हो सकती है।
- आर्थिक दबाव: अमेरिकी टैरिफ (US Tariffs) और पाकिस्तान के साथ व्यापार (Trade with Pakistan) बढ़ने से भारत का निर्यात (Export) प्रभावित हो सकता है।
- क्षेत्रीय प्रभाव: पाकिस्तान को अमेरिकी समर्थन भारत के प्रभाव को कम कर सकता है, खासकर अफगानिस्तान (और मध्य एशिया में। हालांकि, भारत ने आत्मनिर्भरता और रूस-फ्रांस के साथ साझेदारी को मजबूत करने की कोशिश की है, लेकिन यह स्थिति चुनौतीपूर्ण है।
न्यूज़पीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका का यह रुख यूरोपीय संघ (European Union) और भारत के बीच गठजोड़ को मजबूत कर सकता है। लेकिन चीन और रूस का समर्थन (China-Russia Support) पाकिस्तान को साहस दे रहा है, जो कश्मीर (Kashmir) और सीमा पर तनाव बढ़ा सकता है। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) जैसे कदमों से अपनी ताकत दिखाई है, लेकिन कूटनीतिक मोर्चे पर सतर्कता जरूरी है।
संकट या अवसर?
ट्रंप का भारत के प्रति सख्त रुख और रूस-चीन-पाकिस्तान के साथ नजदीकी भारत के लिए संकटकी आहट ला सकती है, लेकिन यह अवसर भी है कि भारत अपनी कूटनीति और सैन्य शक्ति को और मजबूत करे। आने वाले महीने इस जियोपॉलिटिकल ड्रामे की दिशा तय करेंगे। भारत को अब अपने मित्र देशों के साथ एकजुटता दिखानी होगी।