LALU Yadav IRCTC Scam Case: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने IRCTC होटल घोटाले से जुड़े मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। गुरुवार, 29 मई 2025 को हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस मामले में आरोप तय करने पर अपना आदेश 23 जुलाई 2025 को सुनाने का निर्णय लिया है। इस घोटाले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, प्रेम चंद्र गुप्ता और सरल गुप्ता सहित कई लोग आरोपी हैं। आ
IRCTC होटल घोटाले का विवरण
यह मामला रेलवे के पुरी और रांची में स्थित BNR होटलों के टेंडर से जुड़ा है। आरोप है कि जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, तब इन होटलों को IRCTC को ट्रांसफर किया गया था। इनका रखरखाव और सुधार के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई, जिसमें विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को टेंडर दिए गए। CBI के अनुसार, इस टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताएं और भ्रष्टाचार हुआ। FIR में दावा किया गया कि टेंडर प्रक्रिया में हेरफेर किया गया और उसी दिन रेलवे बोर्ड ने IRCTC को होटल सौंपने का फैसला किया, जिस दिन कोचर ने DMCL के पक्ष में सौदा किया। इस मामले की जांच CBI ने की और भ्रष्टाचार के आरोपों के आधार पर चार्जशीट दाखिल की थी। दोषी पाए जाने पर आरोपियों को सात साल तक की सजा हो सकती है।
क्या है IRCTC होटल घोटाला
- आरोप: टेंडर प्रक्रिया में हेरफेर और भ्रष्टाचार, जिसमें विनय कोचर की कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
- आरोपी: लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, प्रेम चंद्र गुप्ता, सरल गुप्ता और अन्य।
- जांच एजेंसी: CBI ने भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की और चार्जशीट दाखिल की।
- कोर्ट की कार्रवाई: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा, जो 23 जुलाई 2025 को सुनाया जाएगा।
- संभावित सजा: दोषी पाए जाने पर सात साल तक की जेल हो सकती है।
IRCTC होटल घोटाले की स्थिति
इस मामले में CBI के अतिरिक्त निदेशक राकेश अस्थाना ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया में IRCTC के तत्कालीन प्रबंध निदेशक पीके गोयल की भूमिका भी जांच के दायरे में है। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है। यह मामला लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका परिणाम उनकी राजनीतिक और व्यक्तिगत छवि पर असर डाल सकता है। यह घोटाला रेलवे के इतिहास में एक चर्चित मामला बन गया है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को रेखांकित करता है।