Israel Iran War : ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के हमले से तेहरान के परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। ईरान ने अब खुद इस बात को स्वीकार किया है। एपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने बुधवार को पुष्टि की कि पिछले सप्ताह अमेरिकी हमलों में देश के परमाणु ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। अल जजीरा को दिए गए बयान में बाघेई ने हमलों के बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया, लेकिन स्वीकार किया कि रविवार को अमेरिकी बी-2 बमवर्षकों द्वारा दागे गए बंकर-बस्टर बम “काफी प्रभावशाली” थे। उन्होंने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारे परमाणु ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा है।”
अमेरिका ने क्यों किया हमला? Israel Iran War
अमेरिका ने रविवार को ईरान के तीन प्रमुख परमाणु केंद्रों पर हमला किया। इनमें नतांज, फोर्डो और इस्फहान शामिल हैं। इन हमलों का उद्देश्य ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमताओं को नष्ट करना था। इन हमलों की गंभीरता का अनुमान अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की रिपोर्ट और सैटेलाइट डेटा से लगाया गया था। लेकिन ईरान इस बात से इनकार करता रहा है कि अमेरिकी हमले से उसके परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचा है। लेकिन अब ईरान ने खुद स्वीकार किया है कि अमेरिकी हमलों में उसके परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचा है।
इन परमाणु केंद्रों पर अमेरिका ने हमला किया था।
1 : नतांज परमाणु केंद्र
यह ईरान का मुख्य यूरेनियम संवर्धन केंद्र था, जिसे अमेरिकी हमले से बड़ा झटका लगा है। यह परमाणु ठिकाना ईरान के मध्य पठार में तेहरान से 220 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। नतांज परमाणु केंद्र ईरान का मुख्य यूरेनियम संवर्धन केंद्र है। यहां भूमिगत संरचनाओं में सैकड़ों सेंट्रीफ्यूज कैस्केड काम कर रहे थे, जो 60% तक यूरेनियम को समृद्ध कर सकते थे और जो हथियार-ग्रेड स्तर से थोड़ा नीचे है।
2 :फोर्डो परमाणु केंद्र
यह तेहरान से लगभग 100 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। फोर्डो ईरान का एक छोटा, लेकिन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण परमाणु सुविधा केंद्र है। ईरान ने 2009 में IAEA को इस साइट के बारे में सूचित किया, जिसकी शुरुआत 2007 में हुई थी, जब इसे अमेरिका और पश्चिमी खुफिया एजेंसियों ने पहचाना था। यह साइट एक पहाड़ के नीचे स्थित है और इसे हवाई हमलों से बचाने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। अमेरिका ने GBU-57A/B ‘मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर’ बम का इस्तेमाल करके इस साइट को नष्ट करने का दावा किया है। अमेरिकी बम का वजन करीब 30,000 पाउंड है और यह कई मीटर गहराई तक घुसकर विस्फोट करने की क्षमता रखता है। इसे B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर द्वारा परमाणु साइट पर गिराया गया था।
3 : इस्फ़हान परमाणु केंद्र
इस्फ़हान परमाणु केंद्र तेहरान से 350 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यह ईरान के परमाणु कार्यक्रम का एक प्रमुख वैज्ञानिक और अनुसंधान केंद्र भी है। यहाँ हज़ारों वैज्ञानिक काम करते हैं और इसमें तीन चीनी अनुसंधान रिएक्टर, एक यूरेनियम रूपांतरण संयंत्र (UCF) और कई प्रयोगशालाएँ शामिल हैं। हाल ही में इज़राइल ने इस जगह पर हवाई हमला किया था, जिसमें यूरेनियम रूपांतरण सुविधा को निशाना बनाया गया था। अमेरिका ने भी B-2 बॉम्बर से इस परमाणु केंद्र पर बड़ा हमला किया था।
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