Mutual Fund: एक व्यापक गाइड

Mutual fund: हम सभी ने कभी न कभी म्यूचुअल फंड के बारे में सुना ही होगा, लेकिन जब इसमें निवेश करने की बात आती है, तो कई लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल उठते हैं। आज हम आपको बताते हैं कि म्यूचुअल फंड क्या होता है, इसके कितने प्रकार होते हैं।

म्यूचुअल फंड क्या है?

Mutual fund प्रकार का निवेश होता है जिसमें आप एक ही स्थान पर निवेश करके विभिन्न कंपनियों में भी निवेश कर सकते हैं। इसे एक एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) द्वारा प्रबंधित किया जाता है, जो निवेशकों के पैसे को विभिन्न स्थानों पर निवेश करती है। सरल शब्दों में, म्यूचुअल फंड में आप अपना कुछ पैसा निवेश करते हैं और AMC कंपनी उसे अलग-अलग कंपनियों में लगाती है। इस प्रकार, आपके निवेश में नुकसान होने की संभावना कम होती है।

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AMC क्या है?

AMC या एसेट मैनेजमेंट कंपनी, निवेशकों के पैसे को विभिन्न जगहों जैसे कि फिक्स्ड डिपॉजिट, बॉन्ड, गोल्ड आदि में निवेश करती है। रिटर्न मिलने पर, यह फंड यूनिट के हिसाब से निवेशकों में बांट देती है। एक अच्छा फंड मैनेजर फंड को सही तरीके से निवेश कर बेहतर रिटर्न दे सकता है।

म्यूचुअल फंड के प्रकार –

म्यूचुअल फंड कई प्रकार के हो सकते हैं, और यह 4% से 30% तक का रिटर्न दे सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार के म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं। विभिन्न बैंकों के अपने-अपने म्यूचुअल फंड्स होते हैं।म्यूचुअल फंड को तीन मुख्य कैटेगरी में बांटा जा सकता है: इक्विटी म्यूचुअल फंड, डेट म्यूचुअल फंड, और हाइब्रिड म्यूचुअल फंड।

1. **इक्विटी फंड**: यह सबसे अधिक जोखिम वाली कैटेगरी है। इसे लार्ज कैप, मिड कैप, और स्मॉल कैप सब-कैटेगरी में बांटा गया है। लार्ज कैप में पैसा अधिक पूंजीकरण वाली बड़ी कंपनियों में, मिड कैप में मध्यम पूंजीकरण वाली कंपनियों में, और स्मॉल कैप में कम पूंजीकरण वाली छोटी कंपनियों में लगाया जाता है।

2. **डेट फंड्स (Debt Funds)**: यह उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं जो कम जोखिम पसंद करते हैं। इसमें निवेश फिक्स्ड इनकम ट्रेजरी बिल, कॉरपोरेट बॉन्ड, और सरकारी सिक्योरिटीज में किया जाता है। डेट फंड्स में स्थिरता होती है और बाजार के उतार-चढ़ाव का कम असर होता है।

3. **हाइब्रिड फंड्स (Hybrid Funds)**: यह इक्विटी और डेट फंड का मिश्रण होते हैं। यह उन निवेशकों के लिए हैं जो बाजार का फायदा लेना चाहते हैं लेकिन अधिक जोखिम नहीं उठाना चाहते। इसमें दो सब-कैटेगरी होती हैं: एग्रेसिव हाइब्रिड फंड और बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड। एग्रेसिव हाइब्रिड फंड में अधिक निवेश इक्विटी में होता है जबकि बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड में डेट को प्राथमिकता दी जाती है।

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