MP Defense Production: मध्य प्रदेश के जबलपुर और इटारसी में ऑर्डनेंस फैक्ट्री स्थित हैं। ग्वालियर के निकट तथा इंदौर के समीप महू में फायरिंग रेंज उपलब्ध हैं। राज्य के चारों ओर रक्षा क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं विद्यमान हैं। भारत में इस वर्ष डेढ़ लाख करोड़ रुपये का रक्षा उत्पादन हुआ तथा 23 हजार करोड़ रुपये का निर्यात दर्ज किया गया। आगामी तीन वर्षों में इसे दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित है।
MP Defense Production: मध्य प्रदेश में रक्षा उत्पादन के प्रयास फिर तेज हो गए हैं। राज्य सरकार निवेशकों को रक्षा क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित कर रही है। निवेश प्रोत्साहन से लेकर उत्पाद निर्यात तक में पूर्ण सहायता दी जाएगी। स्टार्टअप्स या किसी के पास बेहतर तकनीक है तो उसे विशेष प्रोत्साहन मिलेगा।
निर्यात के लिए उत्पाद परीक्षण प्रक्रिया सरल कर दी गई है और फीस भी घटाई गई है। नए रक्षा उत्पाद आइडिया पर चयन होने पर 25 करोड़ रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में स्वदेशी उत्पादन से विदेशी निर्भरता कम होगी।
इस वर्ष भारत में 1.5 लाख करोड़ रुपये का रक्षा उत्पादन और 23 हजार करोड़ रुपये का निर्यात हुआ। अगले तीन वर्षों में इसे दोगुना करने का लक्ष्य है। केंद्र सरकार की नीति के तहत रक्षा उत्पादन के लिए 3-5 साल का अनुभव अनिवार्य नहीं होगा। नवाचार या उत्तम तकनीक पर विशेष मामला मानकर प्रोत्साहन दिया जाएगा। मध्य प्रदेश में अदाणी डिफेंस, हिंदुस्तान शिपयार्ड, बीईएल और जेबीएम जैसे बड़े समूहों ने रुचि दिखाई है।
2700 हेक्टेयर से अधिक लैंड बैंक उपलब्ध
सागर, कटनी, रतलाम, सतना और मुरैना सहित आठ जिलों में रक्षा क्षेत्र के लिए 2700 हेक्टेयर से ज्यादा लैंड बैंक तैयार है। भौगोलिक स्थिति और सहयोगी इको-सिस्टम के कारण मध्य प्रदेश देश में रक्षा उत्पादन के लिए सबसे उपयुक्त राज्य है। धार के पीएम मित्रा पार्क में रक्षा निवेश के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। निवेश नीतियों के तहत डीपीआर बनाकर तुरंत इकाई लगाने के लिए जमीन आवंटित की जाएगी।
मौजूदा मजबूत इको-सिस्टम
जबलपुर में पहले से रक्षा इको-सिस्टम मौजूद है, जैसे व्हीकल फैक्ट्री और गन कैरिज फैक्ट्री। व्हीकल फैक्ट्री में भारतीय सेना के टैंकों की रिपेयरिंग क्षमता बढ़ाई जाएगी। यहां टी-90 और टी-72 जैसे मुख्य युद्धक टैंकों का ओवरहालिंग शुरू हो चुका है। राज्य में जबलपुर व इटारसी में आर्डनेंस फैक्ट्री, ग्वालियर के पास और इंदौर नजदीक महू में फायरिंग रेंज मौजूद है। चारों ओर रक्षा निवेश की अपार संभावनाएं हैं।
कटनी-जबलपुर में डिफेंस कॉरिडोर की संभावना
कटनी, जबलपुर, इटारसी और सागर के बीच डिफेंस कॉरिडोर की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। एमएसएमई सेक्टर हर साल 400 करोड़ रुपये तक की स्थानीय आपूर्ति कर सकता है। महाकोशल क्षेत्र में मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहाल (एमआरओ) हब इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।
