International Yoga Day : भागदौड़ भरी जिंदगी में शरीर कई तरह के उतार-चढाव से गुजरता है। घर से ऑफिस और फिर ऑफिस से घर आने पर शरीर और दिमाग को आराम देना जरूरी है। शरीर को तनाव से दूर रखने के लिए योग की मदद ली जा सकती है। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है। इस दिन हर साल योग के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस लेख में हम आपको पांच योग के आसन बता रहें हैं जो आपके शरीर और मस्तिष्क को फिट रखने में मदद करेंगे।
योग के पांच आसन (International Yoga Day)
1- श्वास क्रिया
योग का प्रारंभिक चरण श्वास क्रिया होती है। अगर यह नहीं सीख पाएं तो योग कभी नहीं कर पाएंगे। श्वास क्रिया को प्राणायाम भी कहते हैं। यह योग नाक और मुंह से शुरू होता है। इस योग में वायु श्वासन तंत्र से शुरू होकर वायुमार्ग और फेफड़ों में प्रवेश करती है।
श्वास क्रिया कैसे करें
इस योग को करने के लिए एकांत स्थान पर बैठ जाएं। अब अपनी हथेलियों को एक-दूसरे के ऊपर रखें। इस दौरान उंगलियों को आपस में फंसा कर तर्जनी ऊँगली को आगे बढ़ाए। फिर मुंह से सांस लें और नांक से सांस छोड़ दें। इस क्रिया को दोहराएं।
श्वास क्रिया के लाभ
इस योग से श्वास की बीमारी ठीक हो जाती है। साथ ही रक्त चाप भी दुरस्त रहता है। श्वास क्रिया से शरीर और मस्तिष्क दोनों स्वस्थ रहते हैं।
2- सूर्य नमस्कार (International Yoga Day)
सूर्य उदित होने के साथ जो योग किया जाता है, उसे सूर्य नमस्कार कहते हैं। इसमें सूर्य के सम्मुख खड़े होकर योग करते हैं। इस आसन से पूरी बॉडी का आकार बेहतर बनता है। साथ ही रात को सोने के कारण होने वाली शरीर की अकड़न भी ठीक होगा जाती है। इसे करने से व्यक्ति दिनभर तरोताज़ा महसूस करता है।
कैसे करें सूर्य नमस्कार
इस योग (International Yoga Day) को करने के लिए सूर्य के सामने दोनों पैरों, एड़ियों और पंजों को मिलाते हुए खड़ा होना है। अब रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधा कर लें। अब दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार की मुद्रा में हृदय के सामने रखें। इस दौरान मन में कोई भी मंत्र का जाप करते रहें। इसे सूर्य को प्रणाम करना भी कहते हैं।
सूर्य नमस्कार के लाभ
सूर्य नमस्कार योग से कई लाभ मिलते हैं। इससे सूर्य की किरणों के सामने खड़े होने से शरीर को विटामिन डी मिलता है। साथ ही बॉडी की सारी थकान दूर हो जाती है। इस योग से पीठ का दर्द, स्पाइन दर्द और गर्दन दर्द में आराम मिलता है।
3- पादहस्त आसन
पादहस्त आसन योग पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। इस योग को करने से पेट के अंगों की मसाज होती है। जिससे पाचन बेहतर तरीके से होता है। जिन लोगों को कब्ज की समस्या रहती है, उनके लिए यह आसन सबसे अच्छा इलाज है।
कैसे करें पादहस्त आसन
पादहस्त आसन योग को करने के लिए पहले पैरों को फैला कर खड़े हो जाएं। पैरों के बीच की दूरी करीब दो इंच की होनी चाहिए। फिर धीरे-धीरे सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की ओर फैलाएं। इसके बाद शरीर को कमर के ऊपर से फैलाएं। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुके। आपको आगे की तरफ इतना झुकना है कि हथेलियां जमीन को छू लें।
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पादहस्त आसन के लाभ
इस योग से पेट की समस्याओं से आराम मिलता है। पाचन से जुड़ी सभी समस्याएं दूर हो जाती है। साथ ही पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
4- शवासन (International Yoga Day)
शवासन योग में शरीर को मरणासन्न अवस्था में रखना पड़ता है। शवासन दो शब्दों से मिलकर बना है। जिसमें शव का अर्थ है मृत और आसन का अर्थ है अवस्था। यानी शरीर को शव के समान बनाने की मुद्रा को शवासन कहते हैं।
कैसे करें शवासन
इस योग (International Yoga Day) को करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं। अब दोनों पैरों के बीच डेढ़ फुट का अंतर बनाकर पैरों को फैलाएं। अगर सिर को सहारे की जरूरत पड़ती है तो कोई कोई मोटा कपड़ा या तौलिया लपेटकर सिर के नीचे रख लें। इसके बाद कमर और कंधों को सीधा कर लें। अब मस्तिष्क को सांस लेने और छोड़ने की ओर केंद्रित करें।
शवासन के लाभ
शवासन योग से शरीर का तापमान सही रहता है। यह योग ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए लाभकारी है। यह योग शरीर की केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को शांत कर सांस को सामान्य स्थिति में लाने में मदद करता है।
5- कपाल भाति क्रिया
कपाल भाति क्रिया पेट से संबंधित है। इस क्रिया से पेट पर अतिरिक्त बल पड़ता है। इस योग (International Yoga Day) से मोटापे की समस्या नहीं होती है। यह योग पेट का फैट तेजी से बर्न करता है।
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कैसे करें कपाल भाति क्रिया
योग की कपाल भाति क्रिया करने के लिए पाल्थी मारकर बैठ जाएं। अब गहरी सांस अंदर की ओर लेते हुए झटके से सांस को बाहर छोड़ दें। सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खींचे। आप इस क्रिया को 35 बार दोहराएं।
कपाल भाति क्रिया के लाभ
कपालभाति योग की क्रिया से शरीर को अनेक लाभ मिलते हैं। इससे कब्ज की समस्या से निजात मिलता है। साथ ही बाहर लटकता हुआ पेट भी अंदर हो जाता है। इस योग से डाइजेस्टिव सिस्टम मजबूत बनता है।