International Tiger Day 2025, Project Tiger In Hindi| ‘बाघ’ एक रहस्य्मयी वन्यप्राणी, घातक मगर खूबसूरत, तेज तर्रार मगर मोहक, जानलेवा मगर रक्षक। क्या आपने कभी ये सोचा है कि जंगलों में तो बाघ से ज्यादा विशाल, ज्यादा शक्तिशाली, और ज्यादा घातक वन्यप्राणी भी रहते हैं मगर जंगल का राजा बाघ को ही कहते हैं. क्योंकि बाघ अपने साम्राज्य यानी कि जंगल का रखवाला होता है. प्राचीन भारत के इतिहास से लेकर वर्तमान तक बाघों को हमेशा सबसे ऊँचा दर्जा दिया गया है, ये देवताओं की सवारी है, शक्ति और गौरव का प्रतीक है, बाघ…. भारत की पहचान है.
यह भी पढ़ें: राजा मेंहदी अली ख़ान के गीतों का ताना बाना
इस दुर्लभ प्राणी ने अपने अस्तित्व के लिए लाखों वर्षों में कई लड़ाइयां लड़ीं, लेकिन एक वक़्त ऐसा आया कि हम इंसानों की लालच के आगे जंगल के राजा के वजूद पर संकट खड़ा हो गया. एक वक़्त था जब जंगलों में बाघों की संख्या लाखों की तादात में होती थी लेकिन जैसे-जैसे इंसानों की तादाद और जरूरते बढ़ती गईं, बाघ की संख्या घटने लगी. कभी जंगलों की कटाई करके हमने इनका घर उजाड़ा तो कभी दिवार की शोभा बढ़ाने के लिए इनका सिर काटकर टांग दिया।
World Tiger Day 2025 | Project Tiger | Indira Gandhi | India | History Of Project Tiger
एक रिपोर्ट के अनुसार शिकारियों और राजा-महाराजाओं ने सन 1875 से लेकर 1925 तक 80 हजार से ज्यादा बाघों का शिकार कर डाला। इंसानों ने सोचा तक नहीं कि जिस प्राणी को वो सिर्फ अपने शौख और लालच के लिए मार रहे हैं वो हमें एक बड़े, बहुत बड़े प्रलय की तरफ धकेल रहा है. और बाघों को मारने का ये सिलसिला शायद कभी न थमता अगर पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने सेव टाइगर प्रोजेक्ट शुरू कर, इनके शिकार पर रोक न लगाई होती।
यह भी पढ़ें: एक्सीडेंटल गाड़िया रीवा के सोहगी घाटी में देगी संकेत, चालक सावधान…वरना होगा यही हाल, पुलिस की नई पहल
एक रिपोर्ट कहती है जब देश आजाद हुआ तब बाघों की संख्या करीब 40 हजार के आसपास थी लेकिन आजादी के बाद 1970 में यह घटकर मात्र 2 हजार ही रह गए थे. बाघों के लगातार बढ़ रहे शिकार पर इंदिरा गांधी ने 1973 में रोक लगा दी और इनकी संख्या बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट टाइगर शुरू किया गया. बीते 51 वर्षों में प्रोजेक्ट टाइगर ने ना सिर्फ हजारों बाघों को शिकार होने से बचाया बल्कि उनकी आबादी को हजारों की संख्या में बढ़ाने का काम किया और इस मामले में पूरे भारत और विश्व में मध्य प्रदेश सबसे अव्वल है. आज पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा बाघ भारत में हैं जिनकी संख्या 3682 है. और पूरे भारत में सबसे ज्यादा बाघ मध्य प्रदेश में हैं जिनकी संख्या 785 है जो रूस में मौजूद कुल बाघों से कई ज्यादा है.