International Men’s Day 2025 : समाज में पुरुष वर्ग की सकारात्मक भूमिका व सम्मान

International Men’s Day 2025 : समाज में पुरुष वर्ग की सकारात्मक भूमिका व सम्मान – हम अक्सर समाज में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के मुद्दों पर बात करते हैं और बात करनी भी चाहिए। लेकिन आज का समय यह भी याद दिलाता है कि पुरुष भी इंसान हैं। वे भी दबाव झेलते हैं, भावनात्मक संघर्ष से गुज़रते हैं, जिम्मेदारियों के बोझ तले दबते हैं और कई बार अपनी तकलीफ़ें कह नहीं पाते। अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस, जो हर साल 19 नवंबर को मनाया जाता है, इसी बात पर रोशनी डालता है कि पुरुषों और लड़कों के स्वास्थ्य, भावनाओं और सकारात्मक योगदान पर भी खुलकर चर्चा होनी चाहिए। यह दिन हमें यह समझने का अवसर देता है कि एक संतुलित और स्वस्थ समाज तभी संभव है जब पुरुषों को भी उसी तरह सम्मान, सहयोग और संवेदनशीलता मिले, जैसी उम्मीद हर इंसान को होती है। पुरुषों और लड़कों के स्वास्थ्य, योगदान और चुनौतियों पर यह विशेष लेख अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 2025 पुरुषों और लड़कों के स्वास्थ्य, कल्याण, योगदान और सामाजिक चुनौतियों पर केंद्रित है। जानिए इसका इतिहास, उद्देश्य, 2025 का थीम और भारतीय व्यक्तित्वों के प्रेरक उदाहरण।

समाज में समानता का सन्देश देता पुरुष दिवस का इतिहास

International Men’s Day 2025-एक बेटे की श्रद्धांजलि से शुरू हुई एक वैश्विक पहल-अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की शुरुआत 1999 में वेस्ट इंडीज के प्रोफेसर डॉ. जेरोम टीलक्सिघ ने की। उन्होंने यह दिन अपने पिता के जन्मदिन को समर्पित करते हुए कहा था कि समाज में पुरुषों की सकारात्मक भूमिका को पहचानना भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना अन्य वर्गों को पहचान देना। उनकी यह पहल धीरे-धीरे दुनिया भर में फैल गई और आज 70 से ज्यादा देशों में यह दिवस स्वास्थ्य, कल्याण, और लैंगिक समानता के संदर्भ में एक अहम संदेश देता है।

पुरुष दिवस को समाज में मानाने का उद्देश्य

International Men’s Day 2025-पुरुषों के स्वास्थ्य और भावनाओं को गंभीरता से समझना-अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का लक्ष्य सिर्फ जश्न मनाना नहीं है बल्कि इसका एक गहरा उद्देश्य है पुरुषों और लड़कों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना। उन सामाजिक दबावों पर बात करना जिनके कारण पुरुष अक्सर अपनी भावनाएं दबा लेते हैं। सकारात्मक पुरुष रोल मॉडल को पहचानना, ताकि लड़के प्रेरित होकर स्वस्थ व्यक्तित्व बना सकें। आत्महत्या, घरेलू हिंसा, व्यसन, और तनाव जैसी गंभीर समस्याओं पर खुलकर चर्चा को बढ़ावा देना। लैंगिक समानता की दिशा में पुरुषों की भूमिका को मजबूत करना। दरअसल, यह दिन पुरुषों को “सुपरहीरो” की अपेक्षा से मुक्त कर “इंसान” के रूप में देखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 3. 2025 का वैश्विक विषय “पुरुषों और लड़कों का जश्न मनाना” इस वर्ष का थीम उत्साह से भरा और सकारात्मक है। इसका सीधा मतलब है,उन पुरुषों की सराहना करना जो अपने परिवार, समाज और देश को बेहतर बनाने में योगदान दे रहे हैं। लड़कों को प्रोत्साहित करना कि वे अपनी प्रतिभा, भावनाओं और क्षमताओं को स्वस्थ तरीके से विकसित करें। एक ऐसी संस्कृति बनाना, जहां पुरुष अपनी समस्याएं छुपाने के बजाय साझा कर सकें।

राष्ट्रीय व्यक्तित्व जिनसे मिलता है प्रेरणादायी संदेश

International Men’s Day 2025-भारत में ऐसे कई पुरुष हुए हैं जिनके योगदान ने ना सिर्फ देश को बदला बल्कि यह भी दिखाया कि पुरुषत्व का मतलब शक्ति के साथ-साथ संवेदनशीलता, जिम्मेदारी और मानवीयता भी है।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम- जिन्हें “मिसाइल मैन” होने के साथ उन्होंने अपने जीवन से यह संदेश दिया कि संयम, सरलता और कर्तव्यपरायणता किसी भी इंसान को महान बना सकती है।

महात्मा गांधी-उन्होंने अहिंसा के मार्ग से साबित किया कि पुरुषत्व सिर्फ शक्ति नहीं बल्कि संयम, धैर्य और नैतिकता का नाम भी है।

अटल बिहारी वाजपेयी-उनकी साफ़ सोच, संवेदनशीलता और संवाद की शक्ति ने दिखाया कि एक पुरुष अपने शब्दों और आचरण से समाज को जोड़ सकता है।

मिल्खा सिंह-उन्होंने कठिनाइयों से लड़ते हुए दिखाया कि अनुशासन और संघर्ष मिलकर कैसे एक चैंपियन बनाते हैं।

और वर्तमान के अभिनेता सोनू सूद-हालिया वर्षों में उन्होंने यह साबित किया कि संवेदनशीलता और मानवता का कोई विकल्प नहीं है।
इन सभी उदाहरणों में एक ही संदेश छुपा है,पुरुष होना मतलब सिर्फ मजबूत होना नहीं दयालु, जिम्मेदार और सहायक होना भी उतना ही अहम है।

पुरुषों के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियां
यह दिवस हमें इन गंभीर समस्याओं को समझने का अवसर देता है

    • मानसिक स्वास्थ्य पर बात न कर पाना
    • सामाजिक अपेक्षाएं “रोना मत,मर्द बनो” जैसी धारणाएं
    • काम और परिवार का बढ़ता दबाव
    • आत्महत्या की उच्च दर
    • घरेलू हिंसा का शिकार होने पर भी चुप रह जाना
    • अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में हिचक-इन चुनौतियों पर बात करके ही हम एक सुरक्षित और सहयोगी वातावरण बना सकते हैं।
    • International Men’s Day 2025 विशेष – अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 2025 सिर्फ एक तारीख नहीं एक सोच है, जो हमें यह याद दिलाती है कि एक बेहतर समाज तभी बनेगा जब हम पुरुषों को भी पूरी इंसानियत के साथ देखें। मां-बाप से लेकर बेटे तक, शिक्षक से लेकर श्रमिक तक, दोस्त से लेकर साथी तक पुरुषों की भूमिकाएं विविध भी हैं और महत्वपूर्ण भी। इस दिन का संदेश साफ है: तारीफ़ करें, सुनें, समझें और पुरुषों को भी अपनी भावनाएं साझा करने का समान अधिकार दें। एक संतुलित समाज वही है जहाँ सम्मान सिर्फ एक वर्ग तक सीमित नहीं बल्कि हर किसी तक पहुचातें है।

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