Inter-state illegal arms racket exposed in Tikamgarh district: भोपाल क्राइम ब्रांच ने टीकमगढ़ जिले में एक बड़े अंतर्राज्यीय अवैध हथियार रैकेट का खुलासा किया है। यह संगठित नेटवर्क पिछले 35-40 सालों से संचालित हो रहा था और इसमें एक ही परिवार की तीन पीढ़ियां शामिल थीं। पुलिस ने चंदेरी और रामगढ़ में चल रहे दो अवैध हथियार कारखानों पर छापेमारी कर भारी मात्रा में हथियार बनाने की सामग्री जब्त की, जिससे दर्जनों अवैध हथियार बनाए जा सकते थे।
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रविवार को पुलिस ने चंदेरी में एक घर और जतारा के रामगढ़ में एक वेयरहाउस पर छापा मारा, जहां लेथ मशीन, वेल्डिंग और ड्रिलिंग मशीन, पिस्टल बैरल, मैगजीन, आयरन फ्रेम, लाइव राउंड और अन्य सामग्री बरामद की गई। जांच में पता चला कि यह परिवार गोपनीयता बनाए रखने के लिए केवल अपने सदस्यों को ही हथियार निर्माण में शामिल करता था। इन अवैध हथियारों की सप्लाई मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में की जा रही थी, जहां बड़े खरीदारों को बेचकर मुनाफा कमाया जाता था।भोपाल क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर भोपाल के निशातपुरा क्षेत्र में तीन संदिग्धों को वाहन चोरी और अवैध हथियार सप्लाई के आरोप में हिरासत में लिया गया। पूछताछ में एक आरोपी, मुख्तार खान, ने टीकमगढ़ के सुरेंद्र विश्वकर्मा से 32,000 रुपये में उच्च गुणवत्ता वाली पिस्टल खरीदने की बात कबूल की। इसके बाद रामगढ़ में छापेमारी कर इस रैकेट का पर्दाफाश किया गया।
पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी सुरेंद्र विश्वकर्मा का आपराधिक इतिहास रहा है, जिसमें डकैती और आर्म्स एक्ट के कई मामले दर्ज हैं। उनके पिता आनंदीलाल, पार्टनर मुख्तार खान और अन्य के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि एक अन्य आरोपी नरेंद्र प्रताप सिंह फरार है। वेयरहाउस मालिक को किराए के बदले पार्टनर बनाया गया था। इस कार्रवाई ने टीकमगढ़ के अवैध हथियार सप्लाई चेन को तोड़ने के साथ-साथ अंतर्राज्यीय हथियार तस्करी पर भी बड़ा प्रहार किया है। पुलिस अब फरार आरोपी की तलाश में जुटी है और नेटवर्क के अन्य संदिग्धों की जांच कर रही है।