Insurance Companies और GST Exemption: उपभोक्ताओं को राहत, बीमा कंपनियों पर बोझ

Insurance Companies: जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में बीमा क्षेत्र से जुड़ा एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है अब लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी का टैक्स 0% कर दिया गया है पहले या दर लगभग 18% थी या बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू होने वाला है। इस बदलाव का सीधा फायदा ग्राहक को मिलेगा क्योंकि प्रीमियम की लागत कम हो जाएगी और लोगों के लिए किसी भी प्रकार के बीमा को लेना बहुत ही आसान और सस्ता हो जाएगा।

बीमा कंपनियों पर दबाव

जहां ग्राहकों के लिए यह खबर एक राहत भरी खबर है वही इंश्योरेंस कंपनियों के लिए यह एक चुनौती भरा फैसला हो सकता है। दरअसल उन्हें 21 सितंबर 2025 तक के जमा इनपुट टैक्स क्रेडिट को सरकार को वापस देना पड़ेगा जिसका मतलब यह है कि कंपनियां अब तक जो आईटीसी का उपयोग करके टैक्स का बोझ कम करती थी अब वह फायदा उनके लिए खत्म होने वाला है।

ITC reversal से बढ़ेगा आर्थिक भार

बीमा कंपनियों का कहना है कि आईटीसी रिवर्सल आसान नहीं होने वाला है आईटी ब्रांच सेवाएं, ब्रांच संचालन और प्रोफेशनल सर्विसेज जैसी लागत को अलग करना बहुत ही मुश्किल होने वाला है। इस वजह से कंपनियों की प्रॉफिटेबिलिटी भी प्रभावित होने वाली है और उन्हें प्रीमियम दलों में 6 से 10% तक की बढ़ोतरी भी करनी पड़ सकती है इसका मतलब यह है कि ग्राहक को मिलने वाला फायदा पूरी तरह से 18% नहीं बल्कि लगभग 10 से 12% तक सीमित रह सकता है।

उपभोक्ताओं और उद्योग पर असर

हालांकि इस फैसले का दोहरा असर उपभोक्ताओं और उद्योगों दोनों पर देखने को मिलने वाला है।

पॉलिसी धारक के लिए बीमा पॉलिसी सस्ती हो जाएगी और लोगों को स्वस्थ जीवन बीमा लेने के लिए प्रोत्साहन भी मिलेगा।

बीमा कंपनियों के लिए आईटीसी रिवर्सल लागत बढ़ जाएगी और निकट भविष्य में उनके मुनाफे पर भी असर होने वाला है।

Insurance Companies के नियम के जरिए सरकार का उद्देश्य बीमा कवरेज को बढ़ावा देना है जिससे हर वर्ग के लोग लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ ले सकेंगे हालांकि बीमा कंपनियां इस बदलाव की चलते फाइनेंशियल दबाव भी खेलने वाली है।

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