केजरीवाल जीते फिर भी अम्बेडकरवादी रेस जारी!

देश की संसद में सारे मुद्दे एक तरफ और कौन बाबा साहब का ज्यादा हितैषी है ये मुद्दा एक तरफ. विपक्ष और सत्ता पक्ष में ये साबित करने की होड़ मची हुई है कि वो भीमराव अम्बेडकर की ज्यादा इज्जत करते हैं. अच्छा एक मजेदार बात ये भी है कि लोग अंबेडकर को उतना ही मान रहे हैं जितना मानना उनकी पार्टी के लिए अनुकूल है. क्योंकी अंबेडकर के विचारों का पूरी तरह से समर्थन कर देना दोनों पार्टियों के वोट बैंक के लिए बड़ा घातक है. संसद में पिछले तीन दिनों से यही बवाल कायम है कि कौन सबसे बड़ा अम्बेडकरवादी है. इधर बीजेपी और कांग्रेस आपस में लड़े-मरी जा रहीं थीं, अंबेडकर के चक्कर में नौबत धक्का – मुक्की तक पहुंच गई, दो बीजेपी सांसद ICU पहुंच गए, राहुल गांधी के खिलाफ FIR लिख गई इस बीच में केजरीवाल ने बाजी मार ली. बीजेपी – कांग्रेस की रेस में केजरीवाल ने बिना दौड़े ही रेसिंग लाइन को पार कर दिया और खुद को सबसे बड़ा अम्बेडकरवादी साबित कर दिया।

अरविंद केजरीवाल ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से एक AI जनरेटेड वीडियो जारी किया, जिसमे केजरीवाल और बाबा साहब दिल्ली के इंडिया गेट के सामने खड़े हैं. केजरीवाल बाबा साहब से आशीर्वाद लेते हैं और कहते हैं मुझे शक्ति दीजिये बाबा साहब ताकि मैं उनसे लड़ सकूं जो आपका और संविधान का अपमान करते हैं.

इस वीडियो को देखने के बाद लोग कहने लगे कि केजरीवाल ने ही बाबा साहब का AI वीडियो बनाकर उनका अपमान कर दिया है. खैर इस वीडियो में कुछ अपमानजनक तो नहीं था मगर जिन लोगों को ये वीडियो पंसद नहीं आया उन्होंने ऐसा ही एक और AI वीडियो बना दिया। एक बहुत बड़े आदमी हैं एलोन मस्क वो अक्सर कहते रहते हैं AI खतरनाक साबित हो सकता है, शायद अरविंद केजरीवाल अपना बाबा साहेब के साथ नया AI जनरेटेड वीडियो देखकर ये बात समझ भी गए होंगे।

सोशल मीडिया यूजर्स ने केजरीवाल के AI जनरेटेड वीडियो को रिजनरेट कर कुछ प्रांप्ट बदल दिए और ये हो गया. अंजाम ये निकला कि केजरीवाल के वीडियो से ज्यादा ये वाला वीडियो वायरल हो गया. सोशल मीडिया में अब हर तरफ यही वीडियो वायरल है। कुछ लोगों का कहना है कि AI मतलब अरविन्द केजरीवल इंटेलिजेंस। खैर केजरीवाल ने अंबेडकर से AI आशीर्वाद लेकर खुद को इस रेस का विनर बना दिया मगर संसद में अभी भी रेस जारी है। शुक्रवार को भी कांग्रेस पार्टी, संसद अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर आक्रोशित है, हाथ में बाबा साहब की तस्वीर लेकर खुद को सबसे बड़ा अम्बेडकरवादी बताने में लगी हुई है. हर कोई ये बताने में लगा हुआ है कि अंबेडकर ही उनके भगवान हैं, जबकि अंबेडकर खुद इसे आडंबर कहते थे. वो जानते थे कि एक दिन ऐसा आएगा जब देश के दलित उनके नाम के भरोसे हो जाएंगे और भगवान मानाने लगेंगे, तब नेता भी अंबेडकर को भगवान बताकर दिखावा करेंगे, मूर्तियां बनवाएंगे इसी लिए अम्बेडकर ने कहा था मेरे जाने के बाद मेरी पूजा मत करने लग जाना। लेकिन आज देखिये पूजा-पाठ का विरोध करने वाले बाबा साहब अंबेडकर की ही भक्ति शुरू कर दी गई है. इसी लिए हमने वीडियो के शुरू में कहा था राजनीतिक दल अंबेडकर को उतना ही मानते हैं जिनका उनकी पार्टी के लिए अनुकूल है. कांग्रेस के लोग कभी अंबेडकर की वो बातें नहीं बोलेंगे तो उन्होंने भारत के मुसलमानों के लिए कही थी, इसी तरह बीजेपी भी अंबेडकर की हिन्दू धर्म के प्रति उनकी विचारधारा का बखान नहीं करेगी, स्टालिन कभी नहीं बताएंगे कि ईसाईयों को लेकर अंबेडकर ने क्या कहा था और सिख धर्म को लेकर वो क्या सोचते थे। आज हालात ऐसे हैं कि लोगों ने अपने अपने हिसाब से अम्बेडकर को अपने अपने हिसाब का बना दिया है जैसे लोगों ने बुद्ध के साथ किया।

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