रेस्क्यू टीम बोरबेल के पैरलल 8 जेसीबी मशीन से खुदाई कर रही है. फ़िलहाल बच्चे का कोई मूवमेंट नहीं दिखाई दे रहा है. बताया जा रहा है कि उसके ऊपर मिट्टी आने से वह गहराई में चला गया है. यह मामला रीवा जिला मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर जनेह थाना क्षेत्र के मनिका गांव का है. बच्चे का नाम मयंक (6) पिता विजय आदिवासी है. वह खेत में बच्चे के साथ खेल रहा था. इसी दौरान खेत में ही खुले पड़े बोरबेल में गिर गया।
रीवा में 12 अप्रैल को बोरबेल में गिरे 6 साल के मासूम को बाहर निकलने का काम लगभग 17 घंटे से चल रहा है. रातभर से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. बोरबेल के पैरलल 60 फीट खुदाई की जा चुकी है. बच्चा 12 अप्रैल को दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे 160 फीट गहरे बोरबेल में गिरा था. बच्चे की नानी निर्मला का कहना है कि हमें भगवान पर भरोसा है. बच्चा जल्दी बाहर आ जाएगा।
रेस्क्यू टीम बोरबेल के पैरलल 8 जेसीबी मशीन से खुदाई कर रही है. फ़िलहाल बच्चे का कोई मूवमेंट नहीं दिखाई दे रहा है. बताया जा रहा है कि उसके ऊपर मिट्टी आने से वह गहराई में चला गया है. यह मामला रीवा जिला मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर जनेह थाना क्षेत्र के मनिका गांव का है. बच्चे का नाम मयंक (6) पिता विजय आदिवासी है. वह खेत में बच्चे के साथ खेल रहा था. इसी दौरान खेत में ही खुले पड़े बोरबेल में गिर गया।
बच्चे की मां शीला आदिवासी अपनी मासूम बेटी को गोद में लेकर रातभर घटनास्थल पर बैठी रही. बच्चे के दादा हिंचलाल आदिवासी को भी उसके सुरक्षित बाहर निकलने की उम्मीद है. वे कहते हैं कि भगवान पर मुझे भरोसा है.
रातभर से घटनास्थल में मौजूद हैं जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अमला
इस घटना के पता चलने के बाद त्योंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी और जिले भर का प्रशासनिक अमला घटनास्थल पर मौजूद हैं. वहीं विधायक सिद्धार्थ तिवारी ने अपने ‘X’ हैंडल पर ट्वीट करते हुए कहा कि जब तक मयंक बाहर नहीं आ जाता है तब तक घटना स्थल से हिलूंगा नहीं। मौसम विपरीत परिस्थियों में भी राहत एवं कार्य तीव्र गति से जारी है. बता दें कि रेस्क्यू के समय ही रात में बारिश होने लगी थी. जिसके कारण बचाव दल को भी ओपरेशन में दिक्कतें आईं.
CM डॉ. मोहन यादव का बयान आया
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने लिया घटनास्थल का जायजा